मुखिया के मुखारी –  हम देश के साथ हैं,पर बोलियों में उनके साथ हैं 

मुखिया के मुखारी – हम देश के साथ हैं,पर बोलियों में उनके साथ हैं 

30 अप्रैल 2025:  लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी देश की बर्बादी का कारण बन रही, वजह अधिकारों पर दावें हैं पर कर्तव्यों को भुला दिया गया है । कुतर्क गढ़े और बोले जा रहे, देशभक्ति में पाक परस्ती की जगह कैसे हो सकती है ? विपक्षी पार्टियां और खास करके कांग्रेस ने पाक परस्ती की सारी सीमाएं तोड़ दी, पाक नेताओं ने  कांग्रेस के ट्वीट और बयानों का भरपूर दुरुपयोग किया है ,राहुल गाँधी के बयान पाक डोजियर का हिस्सा बन संयुक्त राष्ट्र में उद्धृत किये गए, कांग्रेसी बयानों का पाकीकरण ही पाक परस्ती का प्रमाण है ,बारम्बार कांग्रेसी यही कर रहे ,कम्युनिस्ट पार्टी की राजनीति चीन परस्ती से ही चलती है । भारत चीन युद्ध में भी कम्युनिस्टो ने चीन की शौर्य गाथा गाई, विपक्षी दल पहलगाम में सुरक्षा के चुक का मुद्दा उठा रहे, सुरक्षा में चुक हुई है पर जिन शब्दों और नीयत से इसकी मीमांसा हो रही क्या वों उचित है ? आतंकियों के प्रति विपक्षी दलों की सहानुभूति छिपी नही है,26/11 के बाद हिंदू टेरर की थ्योरी ,बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद सोनिया के रोने की कहानी, कश्मीर ,वक्फ और वर्शिप एक्ट कांग्रेस की नीति रीति को स्पष्ट कर देती हैं ,सपा आतंकियों को जेलों से छोड़ती हैं, केरल की सरकार सजायापता आतंकी को छोड़ने विधानसभा से प्रस्ताव पारित करती है ,सपा ,राजद सिमी पे प्रतिबंध का विरोध करते हैं।

ये भी पढ़े :मुखिया के मुखारी – धीरे -धीरे नही सरकार कार्यवाही सांय -सांय करिए 

ममता आतंक को गोद में बिठाई हुई है, अब्दुल्ला और महबूबा की राजनीति में अलगाववादी हित सर्वोपरि रहें हैं, क्या विपक्षी दल खूद आतंक को प्रश्रय नही दे रहे? खुद कह रहे कश्मीर बदल गया कश्मीरियों ने सड़क पर उतर पाकिस्तान का विरोध किया इन, बदलावों की वजह क्या है ? 370 और 35A की पुनर बहाली का विपक्षियों का आश्वासन क्या कश्मीर और देश की भलाई करेगा ? आतंकियों के जड़ में मठ्ठा डालने की जगह भरपूर खाद पानी क्यों डाला जा रहा  ? कह तो रहे सरकार के साथ हैं पर हाथ मदद देश के दुश्मनों को करने में लगा दिया है, पहलगाम की घटना कोई पहली इस्लामी आतंक की घटना नही है ,देश सालों से ये सह रहा पहलगाम की घटना के वीडियो ने उसकी विभ्सता ,धर्मांधता सामने ला दी ,फिर भी उन वीडियो को झुठलाने के कुत्सित प्रयास हुए । देश धर्म के आधार पर बटा हिंदू मुस्लिम साथ नही रह सकते कहा गया ,नर संहार हुआ लाखों हिंदू सम्पत्ति विहीन हो शरणार्थी बनने मजबूर हो गए, उन शरणार्थियों के साथ देश की तबकी सरकार ने क्या किया ? बटवारे के दंश सम्पत्ति ,इज्जत के रंज से शरणार्थियों को उबरने में मदद क्यों नही की गई ? 

कश्मीरी पंडितों का पलायन धर्म के आधार पर ही हुआ ,देश के सारे संवेदनशील क्षेत्रों का निर्धारण भी तो हिंदू ,मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर ही होता है, पहलगाम में हिंदूओं का धर्म पूछकर मुस्लिम आतंकियों ने मारा ,गंगा जमुनी ,तहजीब दिखाई तो नही देती सिर्फ उसकी दुहाई दी जाती है । गंगा जमुनी तहजीब प्रभावी थी तो देश क्यों बटा? क्यों आतंकी घटनाएं होती हैं ? पहलगाम क्यों हुआ ?  क्या कोई गारंटी लेगा की अब हिंदूओं को धर्म के आधार पर मारा नही जाएगा? हिंदू हिंदू ना करें पर आतंकी मुस्लिम उन्हें मारते रहें तो क्या अपनी रक्षा ना करें?  हिंदू एकजुटता की बात ना करें  ? विश्व इस्लामी जिहाद से पीड़ित है, आतंकी संगठनों के नाम मुस्लिम धर्म आधारित हैं,पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बना आज पुरे विश्व में आतंकी घटनाओं में पाकिस्तानियों का हाथ रहता है,क्या मुस्लिम सामाज को इसका विरोध नही करना चाहिए? हिंदू, ईसाई,यहूदी,बौद्ध सबसे लड़ाई ,मुस्लिमों का मुस्लिम देशों में भी आतंक से सामना है,हर मुसलमान आतंकवादी नही है पर हर आतंकी का धर्म मुस्लिम ही क्यों होता है ?  क्या मुस्लिम सामाज को वैश्विक रूप से इस पर विचार नही करना चाहिए? जिन्हें देश में हिंदू मुस्लिम ना होने की चिंता है वों इस्लामी आतंक का विरोध क्यों नही करते  ? पहलगाम में गोली मारनेवाला मुस्लिम था क्या ये कहने से मुसलमान नाराज हो जायेंगे ? क्या मुस्लिम सच और सुधार के लिए तैयार नही हैं ?  ये बताना चाह रहे ऐसे समरसता बढ़ा लेंगे ?  किस मुस्लिम ने आप को राम मंदिर जाने से रोका ? मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर क्या मुस्लिमों की छवि बिगाड़ने की कोशिशे नही हो रही ? मीडिया के पुरोधा संसद के आतंकी हमले की अकेले कवरेज कर शराब पार्टी करना चाह रहे थे सार्वजनिक बयान है उनका।  मीडिया अब भी पाकिस्तानी खातुनो के लिए रों रही पहलगाम की विधवाओं के आंसू नही देख रही ,हिंदू विरोध का गठजोड़ अब देश विरोध में उतर आया है,विपक्षी अभिव्यक्ति  के नाम पर आतंकी व्यक्तियों के साथ हो लिए हैं ,युद्ध की परिस्थितियां और ये विपक्षी बोलियां --------------------------------हम देश के साथ हैं,पर बोलियों में उनके साथ हैं 

चोखेलाल

आपसे आग्रह :

कृपया चोखेलाल की टिप्पणियों पर नियमित रूप से अपनी राय व सुझाव इस नंबर 6267411232 पर दें, ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके।

मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments