दावा पड़ गया भारी: 17 साल से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक ओसामा का खुलासा

दावा पड़ गया भारी: 17 साल से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक ओसामा का खुलासा

जम्मू-कश्मीर  : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने देश में मौजूद सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम जारी किया था. इस दौरान सैकड़ों पाकिस्तानी अपने देश वापस लौट चुके हैं.

लौटने वालों से बातचीत के दौरान कई चौंकाने वाले राज भी सामने आए हैं. बॉर्डर पर एक पाकिस्तानी युवक भी था, जो पिछले 17 सालों से जम्मू-कश्मीर में रह रहा था. उसने दावा किया था कि उसके पास भारत का आधार कार्ड और वोटर कार्ड भी था. युवक को ये दावा करना अब भारी पड़ गया है. ओसामा के दावे के बाद उस पर मामला दर्ज कर लिया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग भी इस मामले में एक्शन मोड में आ गया है.

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पाकिस्तानी युवक का वीडियो वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने ओसामा के खिलाफ मामला दर्ज कर ने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही जानकारी सामने आई है कि युवक पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया है.

जांच में पाया गया कि ओसामा ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और नागरिकता अधिनियम, 1955 का उल्लंघन करते हुए उरी विधानसभा क्षेत्र में वोटर के तौर पर खुद को रजिस्टर कराया था.

गृह मंत्रालय की तरफ से भी हो रही मामले की जांच

गृह मंत्रालय इस बात की भी जांच कर रहा है कि ओसामा इतने लंबे समय तक भारत में कैसे रह रहा था. बारामुला के डीईओ-सह-उपायुक्त मिंग शेरपा ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि उस व्यक्ति ने मतदाता पंजीकरण के लिए फॉर्म-6 को जमा करते समय यह घोषणा की थी कि वह भारत का नागरिक है. हमने उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और विस्तृत जांच की जा रही है.

मामले से परिचित लोगों ने कहा कि चुनाव आयोग फॉर्म-6 में जमा किए गए विवरणों को सत्यापित करने की प्रक्रिया पर चर्चा कर सकता है. मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस फॉर्म में आधार नंबर, जन्म तिथि का प्रमाण और निवास का प्रमाण जैसे बुनियादी चीजों की आवश्यकता होती है. पैन और आधार कार्ड को उम्र और पते के सबूत के तौर पर स्वीकार किया जाता है, लेकिन इनमें से कोई भी नागरिकता के प्रमाण के रूप में काम नहीं करता है.

नियम का उल्लंघन करने पर एक साल की सजा

कोई भी व्यक्ति जो अपने आप को वोटर लिस्ट में ऐड कराता है तो उसको , फॉर्म-6 के आखिर में यह घोषणा करनी पड़ती है कि वह भारतीय नागरिक है. इसके अलावा इसका सबूत पेश करना होता है कि उसका जन्म स्थान और वर्तमान पता भारत में ही है. इसके जरिए यह घोषणा की जाती है कि फॉर्म में दी गई जानकारी सही है और इसमें किसी भी तरह की कोई जालसाजी नहीं है. अगर जालसाजी जैसा कुछ पाया जाता है तो एक साल तक की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है.

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