अमेरिकी धर्मगुरु रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्त को गुरुवार को नया पोप चुन लिया गया है. वो अमेरिका से पोप बनने वाले पहले कार्डिनल हैं. दो दिनों तक चली चयन प्रक्रिया के बाद प्रीवोस्ट को पोप लियो XIV के रूप में चुना गया है.नए पोप चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि मैं भारत के लोगों की ओर से परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. कैथोलिक चर्च का उनका नेतृत्व शांति, सद्भाव, एकजुटता और सेवा के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए बहूत महत्वपूर्ण क्षण में आया है. भारत हमारे साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए होली सी के साथ निरंतर संवाद और जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध है.
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पोप फ्रांसिस को 2013 में पोप चुना गया था, बीते 1000 साल में वो पहले इंसान थे, जो गैर यूरोपीय होते हुए भी पोप बने थे. रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट नए पोप बने हैं. अमेरिका से पोप बनने वाले पहले कार्डिनल हैं. उन्हें पोप लियो-14 के नाम से जाना जाएगा.
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कौन हैं नए पोप रॉबर्ट प्रीवोस्ट?
रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट का जन्म 14 सितंबर, 1955 को शिकागो शहर में हुआ था, वे एक अमेरिकी कार्डिनल हैं. उन्होंने 2023 से बिशप के धर्माधिकरण के प्रीफेक्ट और लैटिन अमेरिका के लिए पोंटिफिकल कमीशन के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. उन्हें 2023 में कार्डिनल और 2025 में कार्डिनल-बिशप बनाया गया था. इसके साथ ही 8 मई, 2025 को उन्हें नया पोप चुन लिया गया है. वह कैथोलिक चर्च के 267वें पोप हैं.
सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकलने के लगभग 70 मिनट बाद पोप लियो सेंट पीटर्स बेसिलिका की सेंट्रल बालकनी में दिखाई दिए. पोप फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे और उन्होंने 12 साल तक कैथोलिक चर्च का नेतृत्व किया. पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की उम्र में निधन हो गया था. उसी के बाद से हर केाई नए पोप के नाम को लेकर उत्सुक था.