गर्मी में भी संविधान के लिए उमड़ा जनसैलाब!

गर्मी में भी संविधान के लिए उमड़ा जनसैलाब!


जांजगीर-चांपा :  छत्तीसगढ़ की तपती गर्मी में भी कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ रैली’ ने सियासी पारा चढ़ा दिया। रविवार को जांजगीर के हॉकी ग्राउंड में आयोजित इस मेगा रैली में लगभग 43 डिग्री तापमान के बावजूद 7 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। मंच पर कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट, भूपेश बघेल, चरण दास महंत और दीपक बैज समेत प्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

इस रैली को केवल शक्ति प्रदर्शन के रूप में नहीं, बल्कि एससी वर्ग को साधने की रणनीति के तहत भी देखा जा रहा है। जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट प्रदेश की एकमात्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है, और यहां आठों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। यही वजह है कि कांग्रेस ने इस क्षेत्र को रैली के लिए चुना, ताकि वर्गीय समीकरण मजबूत कर लोकसभा में पिछली हार की भरपाई (डैमेज कंट्रोल) की जा सके।

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कार्यक्रम के मंच से कांग्रेस नेताओं ने एकता का संदेश देने की कोशिश की। लंबे समय से संगठनात्मक मतभेदों और गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस के लिए यह रैली संगठन में नई ऊर्जा भरने की कोशिश भी मानी जा रही है।

सचिन पायलट ने रैली को संबोधित करते हुए कहा,

> “सीजफायर की घोषणा किसी और देश का राष्ट्रपति कर रहा है, वो भी व्यापार का डर दिखाकर! हम कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

वहीं भूपेश बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा

> “26/11 में मनमोहन सिंह ने कमांडो भेजे और कसाब को जिंदा पकड़ा। आज अमित शाह खुद पहलगाम हमले के बाद उतरे, लेकिन अब तक आतंकवादियों को नहीं पकड़ा गया।”

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख चेहरों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित छत्तीसगढ़ के अधिकांश विधायक, पदाधिकारी और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

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इस रैली को आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस की तैयारी का पहला बड़ा कदम माना जा रहा है। पार्टी जहां कार्यकर्ताओं में उत्साह भरना चाहती है, वहीं दलित मतदाताओं को भी फिर से अपने पाले में लाने की रणनीति के तहत यह आयोजन किया गया। आने वाले समय में इसका चुनावी लाभ कांग्रेस को मिल सकता है।









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