पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने का उपयुक्त साधन है। जिसको देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों और युवाओं को पशुपालन (Animal Husbandry) के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में कुरुक्षेत्र के गांव बिहोली में राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के उद्घाटन के दौरान किसानों को सरकार द्वारा पशुपालन के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर कहा कि लगभग 4 करोड़ 67 लाख रुपए की लागत से बना यह पॉलीक्लिनिक आसपास के क्षेत्र के पशुओं को विशेष पशुचिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। इस पॉलीक्लिनिक में पैथोलॉजी, पैरासिटोलॉजी, गायनोकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, सर्जरी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे जैसी सेवाओं के साथ-साथ इनडोर एवं आउटडोर इकाइयां भी उपलब्ध रहेगी। साथ ही, यह संस्थान विशेषज्ञ पशु चिकित्सा अधिकारियों, तकनीशियनों और सहायक स्टाफ से सुसज्जित होगा, जिससे यह एक आदर्श पशु चिकित्सा केन्द्र के रूप में स्थापित होगा।
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आज के समय में पशु चिकित्सा संस्थानों का बढ़ा महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुधारू पशुओं की कीमत हजारों में नहीं, लाखों में है। भूमिहीन और छोटे किसानों के लिए इतना महंगा पशु खरीदना मुश्किल होता है। यदि वह खरीद भी लेता है तो उसे पशु के स्वास्थ्य की चिंता रहती है। इन हालातों में पशु चिकित्सा संस्थानों का महत्व बहुत बढ़ गया है। इस समय पूरे राज्य में 6 राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक चल रहे हैं। ये सिरसा, जींद, रोहतक, भिवानी, सोनीपत और रेवाड़ी में स्थित हैं। अब कुरुक्षेत्र का यह पॉलीक्लिनिक 7वां केन्द्र बन गया है। जिला कुरुक्षेत्र में इस समय 49 राजकीय पशु चिकित्सालय एवं 72 राजकीय पशु औषधालय चल रहे हैं। इनमें पशु चिकित्सकों के 51 पदों में से 47 पद तथा वी.एल.डी.ए के 130 में से 119 पद भरे हुए हैं।
देसी गाय खरीदने के लिए दी जा रही सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी सशक्त और मजबूत हो, इसके लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना होगा। किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल मिट्टी की उर्वराशक्ति बनी रहती है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा सरकार किसानों को एक देसी गाय की खरीद पर 30 हजार रुपए तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे वे गो-आधारित जैविक विधियों को अपनाकर टिकाऊ कृषि की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
किसानों को दूध उत्पादन पर दी जा रही है सब्सिडी
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत सामान्य दूध उत्पादकों को 5 रुपए प्रति लीटर तथा गरीब परिवारों के दूध उत्पादकों को 10 रुपए प्रति लीटर की दर से सब्सिडी दी जाती है। इतना ही नहीं, सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के दुग्ध उत्पादकों के 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले दसवीं के बच्चों को 2,100 रुपए व बारहवीं कक्षा के लिए 5,100 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के दुग्ध उत्पादकों का 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा करवाया जाता है। अब तक कुल 78 बीमा दावों के लिए 4 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
पशुधन बीमा योजना का मिल रहा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत बड़े पशु की दूध उत्पादन क्षमता के अनुसार 100 रुपए से 300 रुपए तथा छोटे पशु जैसे-भेड़, बकरी व सूअर आदि का केवल 25 रुपए प्रति पशु के अनुसार प्रीमियम पर बीमा किया गया है। राज्य के अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के पशुओं का बीमा मुफ्त में किया जाता है। इस योजना के तहत वर्ष 2014 से अब तक 15.90 लाख पशुओं का बीमा किया जा चुका है। इस अवधि में 97 करोड़ 40 लाख रुपए के कुल 24,576 बीमा दावों का निपटान किया गया। इस योजना में पंजीकृत दुधारू पशु की मृत्यु होने पर एक लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है।
डेयरी की स्थापना के लिए दिया जा रहा है अनुदान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेयरी स्थापित करने पर लाभार्थियों को 20 से 50 दुधारू पशुओं की इकाई की खरीद हेतु लिए गए बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। वहीं 2, 4 तथा 10 दुधारू पशुओं की डेयरी इकाइयां स्थापित करने पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा, राज्य में देसी गायों के उत्थान हेतु हरयाना, साहीवाल और बेलाही नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के पालकों को 5,000 रुपए से लेकर 20,000 रुपए तक का प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना के तहत अक्टूबर, 2014 से अब तक 16,921 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं।
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योजना के तहत कैसे करें आवेदन?
यदि आप हरियाणा के पशुपालक किसान है तो आप इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। इन योजनाओं की अधिक जानकारी व इसमें आवेदन हेतु आप अपने निकटतम पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा पशुपालन विभाग हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट https://pashudhanharyana.gov.in/ पर भी विजिट कर सकते हैं।
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