इजरायल और ईरान के बीच पिछले कुछ समय से तनाव जारी है. दोनों देश एक दूसरे पर लगातार मिसाइलों से हमला कर रहे हैं. वहीं ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार 15 जून 2025 को दावा किया कि देश में इजरायल की ओर से लगातार 3 दिनों तक किए गए हमलों में 224 नागरिक मारे गए हैं और 1,200 से अधिक घायल हैं.दोनों देशों के बीच लगातार हमले जारी हैं.
घायलों की बताई संख्या
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता हुसैन केरमानपुर ने इसकी जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X'पर लिखा,' जायोनिस्ट शासन के 65 घंटों के हमले के बाद 1,277 लोग घायल हुए हैं. 224 महिलाएं, पुरुष और बच्चे शहीद हुए हैं.' उन्होंने आगे कहा कि मारे गए लोगों में से 90 फीसदी नागरिक थे. ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के मुताबिक देश के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजमी समेत दो अन्य जनरलों के साथ अन्य शीर्ष सैन्यकर्मी और परमाणु वैज्ञानिक ( Nuclear Scientist) भी हमलों में मारे गए हैं. इजराइल का दावा किया है कि उसके देश में शुक्रवार 13 जून 2025 से अब तक 14 लोग मारे गए हैं और 390 घायल हुए हैं.
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी – दवा ,दारू दोनों में भ्रष्टाचार का नशा
ईरान पर हमलों के विनाशकारी प्रतिक्रिया
न्यूज एजेंसी 'AFP'के मुताबिक ईरान के एक सीनियर आर्मी ऑफिसर ने रविवार 15 जून 2025 को इजरायल के ईरान पर हमलों के विनाशकारी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी. सशस्त्र बलों के प्रवक्ता कर्नल रजा सैय्यद ने कहा,' ईरान के बहादुर लड़ाकों की विनाशकारी प्रतिक्रिया का असर निश्चित रूप से इजरायल के कब्जे वाले इलाकों के सभी हिस्सों पर पड़ेगा.' उन्होंने कहा,' कब्जे वाले इलाकों को छोड़ दीजिए, क्योंकि भविष्य में वे निश्चित रूप से रहने योग्य नहीं रहेंगे और आश्रय स्थल सुरक्षा की गारंटी नहीं देंगे.'
नेतन्याहू का बयान
बता दें कि इससे पहले इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 'फॉक्स न्यूज' के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि इजरायल ईरान के खिलाफ अपने सैन्य अभियान तक तब जारी रखेगा जब तक कि उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को तबाह न किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह उनके और उनके सहयोगियों के लिए खतरा है. नेतन्याहू ने कहा,' हम अपने दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए जो भी जरूरत पड़ेगी उसके लिए तैयार हैं, ताकि परमाणु खतरा और बैलिस्टिक मिसाइल इन 2 खतरों को दूर किया जा सके. उन्होंने आगे कहा,' हमने खुद को बचाने के लिए कार्रवाई की, लेकिन मुझे लगता है कि न केवल खुद को बचाने के लिए, बल्कि दुनिया को इस आग लगाने वाले शासन से बचाने के लिए भी.' नेतन्याहू ने कहा,' हम दुनिया के सबसे खतरनाक शासन के पास दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार नहीं रख सकते.
Comments