अगर आप खेती के साथ कोई ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे और लंबे समय तक चले, तो आपके लिए डेयरी फार्मिंग बेहतर विकल्प हो सकता है. यदि आप भैंस की कुछ खास नस्ल का पालन करते हैं, तो डेयरी से अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में मुर्रा नस्ल की भैंस आपके लिए वरदान साबित हो सकती है. यह भैंस दूध उत्पादन में देश की सबसे अव्वल नस्ल मानी जाती है और आज देशभर में हजारों किसान इससे लाखों की कमाई कर रहे हैं.
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मुर्रा भैंस की पहचान
मुर्रा भैंस अपनी काली,चमकदार और मजबूत काया के लिए जानी जाती है. इसकी पहचान इसके विशेष लक्षणों से की जाती है – गठीला शरीर, पतली पूंछ के सिरे पर सफेद बाल, छोटी और मुड़ी हुई सींगें, बड़ी आंखें और छोटे मुड़े हुए कान. यही वजह है कि इसे पशुपालकों के बीच "काली सुंदरता" के नाम से भी जाना जाता है.
दूध उत्पादन में अव्वल
मुर्रा भैंस प्रतिदिन औसतन 12 से 18 लीटर दूध देती है. वहीं, कुछ उन्नत और अच्छी देखभाल वाली भैंसें 20 लीटर से भी अधिक दूध दे सकती हैं. इसका दूध न सिर्फ मात्रा में ज्यादा होता है, बल्कि गुणवत्ता में भी बेहतरीन होता है. इसमें फैट कंटेंट 7% से 8% तक होता है, जिससे इससे बना घी, मक्खन और पनीर ज्यादा स्वादिष्ट और पोषक होता है.
दूध की बाजार में जबरदस्त मांग
मुर्रा भैंस के दूध की कीमत खुले बाजार में 60 से 80 रुपये प्रति लीटर तक जाती है. वहीं इससे बनने वाला घी 800 से 1000 रुपये प्रति किलो तक बिकता है. यही वजह है कि बड़े शहरों में नामी डेयरी कंपनियां भी मुर्रा दूध को प्राथमिकता देती हैं.
क्यों बन रही है किसान की पहली पसंद?
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मुर्रा पालन से कैसे कमाएं लाखों?
अगर कोई किसान दो मुर्रा भैंस पालता है और प्रतिदिन औसतन 15 लीटर दूध बेचता है, तो महीने में करीब 900 लीटर दूध बेचा जा सकता है. यदि दूध की कीमत 70 रुपये प्रति लीटर मानी जाए, तो एक महीने में लगभग 63,000 रुपए की आमदनी संभव है. सालाना यह रकम 7.5 लाख रुपए से भी ज्यादा हो सकती है. इसके अलावा बछड़े-बछिया और गोबर से भी कमाई होती है.
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