केंद्र सरकार ने किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बुधवार (16 जुलाई) को हुई मोदी कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत हर साल किसान हित में 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे देश के 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना 6 सालों के लिए है। इसकी शुरुआत देश के 100 जिलों से की जाएगी। इसमें मौजूदा 36 कृषि योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा। ताकि, किसानों को समग्र सहायता मिल सके।
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पीएम धन-धान्य कृषि योजना की मुख्य विशेषताएं
किसानों के लिए बहु-स्तरीय लाभ
धन-धान्य कृषि योजना किसानों को फसल कटाई के बाद भंडारण की बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी। इससे उनकी उपज खराब होने की संभावना कम होगी। इसके अलावा सिंचाई व्यवस्था में सुधार लाकर खेती को अधिक टिकाऊ और फायदेमंद बनाया जाएगा।
मोदी सरकार का मानना है कि यह योजना किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में ठोस कदम होगी। खास बात यह है कि इस योजना में जलवायु अनुकूल तकनीकों और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
नवीकरणीय ऊर्जा पर खर्च होंगे 27 हजार करोड़
कैबिनेट ने इसी बैठक में एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को अपनी सहायक कंपनी एनआईआरएल (NIRL)में 7,000 करोड़ रुपये निवेश की अनुमति दी है। इसके अलावा एनटीपीसी को 20,000 करोड़ तक के नवीकरणीय ऊर्जा निवेश की मंजूरी दी गई है। इससे हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता भी स्पष्ट होती है।
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