धान खरीदी वर्ष 2025-26 हेतु एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1.23 लाख कृषकों का पंजीयन पूर्ण, पारदर्शी खरीदी प्रक्रिया की ओर बड़ा कदम

धान खरीदी वर्ष 2025-26 हेतु एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1.23 लाख कृषकों का पंजीयन पूर्ण, पारदर्शी खरीदी प्रक्रिया की ओर बड़ा कदम

बेमेतरा टेकेश्वर दुबे : आगामी धान खरीदी वर्ष 2025-26 को सुचारु, पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट के अंतर्गत कृषकों का पंजीयन अनिवार्य किया गया है। इस योजना के तहत बेमेतरा जिले में अब तक कुल 1.23 लाख कृषकों की किसान आईडी बनाकर पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है, जो पारदर्शी उपार्जन प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रदेश स्तर पर एग्रीस्टैक पोर्टल के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए किसान पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है। इस प्रक्रिया में ई-केवाईसी आधारित पंजीयन किया जा रहा है, जिससे प्रत्येक कृषक की वास्तविक पहचान सुनिश्चित हो रही है और दोहराव की संभावना समाप्त हो रही है। राज्य शासन ने इस बार कृषि विभाग, खाद्य विभाग एवं राजस्व विभाग के मध्य इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय को विशेष रूप से सुदृढ़ किया है, ताकि सभी विभाग मिलकर किसानों को समयबद्ध लाभ पहुंचा सकें।

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धान उपार्जन हेतु किसानों का पंजीयन एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है, जो एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसमें न केवल नवीन पंजीयन की सुविधा है, बल्कि फसल रकबे में संशोधन, आधार सीडिंग और भूमि रिकॉर्ड का एकीकरण भी सुनिश्चित किया गया है। खाद्य विभाग के धान खरीदी पोर्टल को सीधे एग्रीस्टैक की फार्मर रजिस्ट्री से एपीआई के माध्यम से जोड़ा गया है, जिससे पंजीकृत किसानों का डाटा रीयल टाइम में अपडेट हो रहा है। वहीं, राजस्व विभाग द्वारा संचालित भुइयाँ पोर्टल में दर्ज भूमि की जानकारी और गिरदावरी रिकॉर्ड को भी आधार नंबर से जोड़ने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। अब तक जिले में 85% भूमि रिकॉर्ड का आधार सीडिंग किया जा चुका है और शेष कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।

जिले की सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे शिविर लगाकर किसान पंजीयन और आईडी निर्माण का कार्य तेजी से करें। उल्लेखनीय है कि गतवर्ष कुल 1.65 लाख कृषकों का पंजीयन धान उपार्जन हेतु हुआ था, जिनकी भी आईडी इस बार एग्रीस्टैक में अपडेट की जा रही है। इस तकनीकी पहल से किसानों को न केवल योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से मिलेगा, बल्कि उपार्जन प्रक्रिया भी अधिक सहज और भरोसेमंद होगी | राज्य शासन की यह पहल डिजिटल इंडिया के तहत कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार का उदाहरण है, जिससे किसानों को सुविधा, पारदर्शिता और समयबद्ध लाभ सुनिश्चित हो सकेगा।

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