सरगुजा : प्रदेश के पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासन काल में ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में बनवाया गया कृष्ण कुंज देखरेख के अभाव में बदहाल होते जा रहे हैं। दरअसल कृष्ण कुंज में आम, इमली आंवला, कटहल, क़दम बरगद, पीपल जैसे छायादार एवं फलदार पौधे लगाये गये थे। पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार की बहुत ही अच्छी सोच थी। लेकिन सूबे में सता परिवर्तन के साथ हरे-भरे कृष्ण कुंज निगरानी देखरेख के अभाव में अपने बर्बादी के तरफ अग्रसर है। जिम्मेदारों को कृष्ण कुंज के तबाही से सरोकार नहीं है।
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लखनपुर तहसील कार्यालय के समीप ग्राम केवरा में वर्ष 2022 में जनपद मंद 15 वें वित्त योजना से साढ़े तीन लाख रुपये लागत से बनाया गया कृष्ण कुंज विरानियो में सिमटने लगा है। कृष्ण कुंज में लगाये गये फल एवं छायादार पेड़ों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
खूबसूरत कृष्ण कुंज के दरख़्त पर्यावरण संरक्षण तथा आगंतुकों के लिए स्वागत द्वार तथा सीसी सड़क बनाये गये है बेहतर कल्पना थी जहां सुकून के कुछ लम्हे बिताया जा सकता था लेकिन कृष्ण कुंज को सुरक्षित रखने में लापरवाही बरती जा रही है। और यदि समय रहते देखरेख नहीं हुई तो निश्चित रूप से विरानियो में तब्दील हो कर रह जायेगा।लगाये गये हरे भरे पेड़ों को सहेज कर रखने की आवश्यकता है। लेकिन अफसोस इस बात का कि शासन प्रशासन के ओर से अनदेखी की जा रही है। शासन के ओर चलाये जा रहे अभियान " एक पेड़ मां के नाम"" पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । वहीं लगभग तैयार हो चुके पेड़ों को नजर अंदाज किया जा रहा है। क्षेत्र के कुछ जागरूक सामाजिक लोगों ने जंप क्षेत्र में बनाये गये कृष्ण कुंज के महता को समझते हुए इस धरोहर को सहेज कर रखने की बात कही है ताकि कृष्ण कुंज महफूज व सलामत रहे।
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