सुकमा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की चरण पादुका योजना छत्तीसगढ़ राज्य में स्वाभिमान व सुरक्षा का प्रतीक बन गया है। संवेदनशील साय सरकार वनवासियों और तेंदूपत्ता संग्राहकों के जीवन स्तर को सशक्त और सुरक्षित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सरकार के द्वारा तेंदूपत्ता की ख़रीदी 5500 रुपये प्रति मानक बोरा के हिसाब से किया जा रहा है। चरण पादुका योजना उन परिश्रमी हाथों के प्रति सुशासन सरकार की कृतज्ञता का प्रतीक है जो कठिन परिस्थितियों में वनोपज के संग्रहण का कार्य करते है।
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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका पहना कर योजना का शुभारंभ किया गया। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में प्रदेश के लगभग लाख 40 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों जिसमें सुकमा जिले के 61 हजार 775 तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक और गारंटी का प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।
सुकमा जिले में 61 हज़ार 775 तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका का वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमे से लगभग 10 हज़ार चरण पादुका का वितरण किया जा चुका है और बाक़ी संग्राहकों को वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से चरण पादुका वितरण की कार्यवाही की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों का राज्य के अर्थव्यवस्था, वनोपज आधारित रोजगार और स्थानीय समृध्दि में अमूल्य योगदान है। उनकी कठिन मेहनत से ही छत्तीसगढ़ के वनोपज परंपरा जीवंत बनी हुई है और लाखो परिवारो को आजीविका का साधन मिला है। इस योजना के माध्यम से विष्णु देव सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के उस परिश्रम को नमन कर रही है जो जंगलो के पगडंडियों से होकर प्रदेश के समृध्दि तक पहुंचती है।
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