नई दिल्ली: राज्यसभा में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले का मुद्दा गरमा गया। राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 22 अप्रैल को हुए इस हमले को लेकर सरकार से तीखे सवाल पूछे। मल्लिकार्जुन खरगे ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग करते हुए कहा कि पहलगाम हमले के आतंकी अब तक न तो पकड़े गए हैं और न ही मारे गए हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के बयान का हवाला देते हुए इंटेलिजेंस फेल्योर का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एलजी ने माना कि इंटेलिजेंस फेल्योर है। हमको मालूमात तो दी जानी चाहिए।
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"...देश के लिए अपमानजनक है"
वहीं, मल्लिकार्जुन खरगे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने 24 बार यह कहा कि मेरे हस्तक्षेप से भारत-पाकिस्तान युद्ध समाप्त हुआ। ये देश के लिए अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में आपने जो दुनिया को बताया, हमको बताया, हिंदुस्तान के लोगों को बताया, उसके बाद हमें इन्फॉर्मेशन तो देनी चाहिए।
"ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार"
मल्लिकार्जुन खरगे की मांग पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि सरकार 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा नहीं चाहती है। सरकार इस पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि हमने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में समय आवंटित करने के लिए प्रस्ताव रखा है। हम पूरी तरह से हर बिंदु पर चर्चा के लिए तैयार हैं। ऑपरेशन सिंदूर के आठ दिनों में जो हुआ, वह आजादी के बाद देश में कभी किसी ऑपरेशन के दौरान नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि वह इतिहास में नहीं जाना चाहते। इस बीच, हंगामा तेज हो गया जिसके बाद सभापति ने 11 बज कर 46 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी।
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