भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज हो रही है। इसमें भारतीय टीम 1-2 से पीछे चल रही है। अब दोनों टीमों के बीच चौथा टेस्ट मुकाबला 23 जुलाई से मैनचेस्टर के मैदान पर खेला जाएगा। इस मैच के पहले दिन भारत के पूर्व क्रिकेटर फारुख इंजीनियर और वेस्टइंडीज के दिग्गज क्लाइव लॉयड को खास सम्मान दिया जाएगा। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर स्टैंड के नाम इन दोनों प्लेयर्स के नाम पर रखे जाएंगे। इंजीनियर लगभग एक दशक तक लंकाशायर की ओर से खेले जबकि लॉयड लगभग दो दशक तक क्लब के साथ रहे।
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लंकाशायर क्लब के लिए खेले 175 मुकाबले
सूत्र ने कहा कि यह क्लब के दोनों दिग्गजों के लिए उचित सम्मान है। साल 1968 से 1976 के बीच 87 साल के फारुख इंजीनियर ने 175 मैचों में लंकाशायर के लिए 5942 रन बनाए, 429 कैच लिए और 35 स्टंपिंग की। जब मुंबई में जन्मे इंजीनियर ने लंकाशायर के लिए डेब्यू किया तो क्लब ने 15 साल से अधिक समय तक कोई बड़ा खिताब नहीं जीता था लेकिन उन्होंने 1970 से 1975 के बीच चार बार जिलेट कप जीतने में टीम की मदद की। दूसरी ओर वेस्टइंडीज की टीम के कप्तान लॉयड ने 1970 के दशक की शुरुआत में एक विदेशी खिलाड़ी के रूप में आने के बाद क्लब की किस्मत बदल दी।
ओल्ड ट्रैफर्ड को बताया था शानदार जगह
फारुख इंजीनियर ने कुछ साल पहले क्लब की वेबसाइट से कहा था कि वह अविश्वसनीय समय था और ओल्ड ट्रैफर्ड एक शानदार जगह थी। लोग हमें खेलते देखने के लिए मीलों दूर से आते थे। ओल्ड ट्रैफर्ड के ड्रेसिंग रूम से हम वारविक रोड रेलवे स्टेशन देख सकते थे। हम नारे लगाते, बातें करते और हंसी-मजाक करते लोगों को सुन सकते थे।
मैनचेस्टर में ही रहते हैं इंजीनियर
फारुख इंजीनियर ने कहा कि इंग्लैंड में हर कोई उस महान टीम के बारे में बात कर रहा था जिसमें क्लाइव लॉयड, हैरी पिलिंग, पीटर लीवर और केन शटलवर्थ जैसे नाम थे। संन्यास लेने के बाद इंजीनियर ने मैनचेस्टर को अपना घर बना लिया और आज तक यहीं रहते हैं।
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