तोरई की खेती के लिए ये किस्म का चयन करना बहुत फायदेमंद साबित होता है इसकी खेती बेहद कम दिनों में होती है तो चलिए इसकी खेती के बारे में जानते है।जुलाई का महीना तोरई की खेती के लिए बहुत उपयुक्त होता है आज हम आपको तोरई की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे है जो किसानों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होती है ये किस्म न केवल ज्यादा उत्पादन देती है बल्कि कई कीटों और रोगों के प्रति प्रतिरोधी होती है। इस किस्म के फल छोटे और चिकने होते है जो बाजार में अच्छी कीमत पाते है। हम बात कर रहे है तोरई की पूसा नसदार वैरायटी की खेती की ये तोरई की एक उन्नत और लोकप्रिय किस्म है।
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कैसे करें खेती
अगर आप तोरई की पूसा नसदार वैरायटी की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिससे खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी और उत्पादन अच्छा होगा। तोरई की पूसा नसदार वैरायटी की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी बुवाई से पहले खेत को अच्छे से जोतकर तैयार करना चाहिए और मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट खाद डालनी चाहिए। बीज बोन से पहले को बीज को उपचारित करना चाहिए। इसकी खेती में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 180 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 75 सेमी रखनी चाहिए और बीज को 2-3 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए। इसकी खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। बुवाई के बाद तोरई की पूसा नसदार वैरायटी की फसल करीब 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है।
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कितनी होगी आमदनी
अगर आप तोरई की पूसा नसदार वैरायटी की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत ज्यादा जबरदस्त कमाई और उपज देखने को मिलेगी। एक हेक्टेयर में तोरई की पूसा नसदार वैरायटी की खेती करने से करीब 140-170 क्विंटल का उत्पादन होता है। आप इसकी खेती से 1 से 1.5 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है ये तोरई की एक उच्च पैदावार और अच्छी गुणवत्ता वाली किस्म है। तोरई की पूसा नसदार वैरायटी की खेती बहुत गुणकारी साबित होती है।
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