छुरिया : वनांचल क्षेत्र मोरकुटुम्ब के जर्जर हो चुके माध्यमिक शाला भवन में अचानक करंट आ गया, इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शाला भवन में ताला जड़ दिया। जानकारी मिलते ही बीईओ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाईश दी, तब जाकर मामला शांत हुआ। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मोरकुटुम्ब में स्कूल पहुंचे छात्रों को अचानक करंट आ गया। जिससे विद्यार्थियों में अफरा-तफरी मच गया, इसकी खबर लगते ही ग्रामीण स्कूल पहुंचने लगे। तत्काल बिजली कनेक्शन काटा गया, नहीं तो बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती थी। ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 2006 में बना शाला भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है, बारिश में छतों से पानी टपकता है, यही कारण है कि भवन में करंट आ गया।
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इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल भवन में ताला जड़कर नया भवन निर्माण की मांग करते हुए शाला प्रांगण में बैठ गये, जिसकी खबर लगते ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रशांत चिर्वतकर ग्रामीणों के समक्ष पहुंचे, जहां सरपंच कौशिल्या बाई, मयाराम साहू, ग्राम पटेल जयसिंग पडोटी, हरदेव कतलाम अध्यक्ष शाला समिति एवं पूर्व सरपंच सुरेश शोरी ने बताया कि तीन साल से लगातार ग्रामीण जर्जर भवन की मरम्मत एवं नया शाला भवन बनाने की मांग शासन-प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से पत्र लेखन के माध्यम से करते आ रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा आज भवन एकदम जर्जर हो चुका है, इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रहा है, ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों के जान माल का खतरा है।
मजबूरन ग्रामीणों को ताला लगाना पड़ रहा है। जिस पर बीईओ प्रशांत चिर्वतकर ने उन्हें बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में माध्यमिक शाला के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार के लिए 9.52 लाख रूपये स्वीकृत हो चुका है। जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जायेगा। इस पर भी ग्रामीण नहीं माने और लिखित देने पर अड़े रहे, तब बीईओ के लिखित आश्वासन देने पर ग्रामीण राजी हुए।जर्जर माध्यमिक शाला भवन की जगह शाला परिसर से लगे अतिरिक्त कक्ष भवन पर स्कूल लगाने पर सहमति बनी। रोजाना की तरह अब विद्यार्थियों की पढ़ाई अतिरिक्त कक्ष भवन में होगी।
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