पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के वोटर कार्ड को लेकर विवाद,चुनाव आयोग ने मांगे दस्तावेज

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के वोटर कार्ड को लेकर विवाद,चुनाव आयोग ने मांगे दस्तावेज

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा शनिवार को दिए गए बयान कि सघन पुनरीक्षण के बाद प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची में उनका नाम नहीं है, ने मामले में नया मोड़ ला दिया है। उन्होंने अपने मतदाता पहचान पत्र में जिस EPIC नंबर RAB-2916120 का उल्लेख किया था, वह चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से अलग है। चुनाव आयोग में उनका EPIC नंबर RAB-0456228 है।

ऐसे में यह पता लगाने की जांच शुरू हो गई है कि क्या नेता प्रतिपक्ष के पास दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र हैं। दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी ने रविवार को तेजस्वी प्रसाद यादव को पत्र लिखकर बयान में उल्लिखित EPIC कार्ड का विवरण और मतदाता पहचान पत्र की मूल प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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दूसरा EPIC नंबर फर्जी पाया गया

नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि सघन पुनरीक्षण अभियान के बाद पिछले शुक्रवार को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था। उन्होंने अपना EPIC नंबर RAB-2916120 बताया था। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदाता सूची समेत आयोग के पास उपलब्ध सभी दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए कहा था कि उनका नाम दर्ज है।

चुनाव आयोग में उनका EPIC नंबर RAB-0456228 दर्ज था, जो 2020 और 2015 की मतदाता सूची में भी दर्ज है। वहीं, तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा बताए गए नंबर का आयोग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में शुरुआती जांच के अनुसार इसके आधिकारिक तौर पर जारी होने पर संदेह जताया जा रहा है।

दो EPIC नंबर सामने आने के बाद आयोग ने तेजस्वी से उनके द्वारा बताए गए EPIC नंबर का ब्योरा और कार्ड की मूल प्रति उपलब्ध कराने को कहा है ताकि जांच की जा सके।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टि या अलग दस्तावेज से नामांकन के कारण ऐसा हो सकता है। ऐसे में गहन जांच जरूरी है। यह भी देखा जाएगा कि दूसरा EPIC नंबर आधिकारिक तौर पर जारी किया गया है या नहीं।

दो मतदाता, आधार या पैन कार्ड होने पर जेल से लेकर जुर्माने तक का प्रावधान

चुनाव आयोग के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र बनवाता है या अलग-अलग स्थानों पर अपना पंजीकरण कराता है, तो यह दंडनीय है। एक से अधिक कार्ड रखने पर एक वर्ष की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

एक से अधिक आधार कार्ड और पैन कार्ड रखना भी दंडनीय अपराध है। चुनाव आयोग मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से पहले यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि आपका नाम पहले से किसी अन्य स्थान पर पंजीकृत तो नहीं है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के अनुसार, एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में नाम दर्ज कराना गैरकानूनी है। वहीं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 31 के तहत गलत जानकारी देकर नाम दर्ज कराने पर एक वर्ष की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 417 के तहत दंडनीय अपराध है।

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अगर आपके पास दो मतदाता पहचान पत्र हैं, तो घर बैठे एक रद्द करें

अगर किसी के पास गलती से भी एक से ज़्यादा मतदाता पहचान पत्र हैं, तो तुरंत एक रद्द करना बेहतर विकल्प है। मतदाता voters.eci.gov.in पर जाकर फॉर्म नंबर सात भरकर दोहरा नामांकन रद्द कर सकते हैं।






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