Beans cultivation: बींस की खेती किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद,बाजारों में रहती है खूब डिमांड

Beans cultivation: बींस की खेती किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद,बाजारों में रहती है खूब डिमांड

किसान पारंपरिक फसलों के मुकाबले अन्य फसलों की खेती कर अच्छी आमदनी कर सकते है. पर इन फसलों की खेती सीजन के हिसाब से की जाएं तो यह अच्छे रेट में जाती है. ऐसी ही एक फसल है बीन्स जिसकी डिमांड बाजार में बहुत अधिक होती है. जिसकी खेती कर किसान लाखों रुपए मुनाफा कमा सकते है.

किसानों के लिए बींस की खेती एक लाभदायक विकल्प है. यह फसल किसानों को बंपर पैदावार के साथ अच्छी आमदनी सुनिश्चित करती है. बाजार में बींस की मांग निरंतर बनी रहती है. सितंबर का महीना बींस की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इस फसल की सबसे बड़ी विशेषता है कि इससे प्रति एकड़ अधिक उपज प्राप्त होती है. किसान अपनी खेती में बींस को शामिल कर आय में वृद्धि कर सकते हैं. बींस की उन्नत किस्मों की खेती से किसान कम समय में अधिक लाभ कमा सकते हैं.

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 बींस की खेती हमारे यहां काफी किसान करते है. इसकी बिक्री भी खूब होती है क्योंकि बीन्स की डिमांड बाजारों में हमेशा बनी रहती है. जिससे किसानों को अच्छा लाभ होता है. किसान अगर अभी बींस की खेती करना चाहते हैं तो कुछ उन्नत किस्में है. जिनकी खेती कर सकते है. 

पूसा पार्वती किस्म इस किस्म के फलियां मुलायम, गोल, लम्बी और बिना रेशे की होती है. यह हरे रंग की होती है. इस किस्म की खासियत यह है कि पूसा पार्वती किस्म प्रति हेक्टेयर 18-20 टन तक बढ़िया उपज देती है.

अर्का संपूर्ण किस्म इस किस्म के पौधों पर रतुआ और चूर्णिल फफूंद का रोग नहीं लगता है. इस किस्म के पौधे रोपाई के लगभग 50 से 60 दिन बाद पैदावार देना शुरू कर देते है. जिनका प्रति हेक्टेयर कुल उत्पादन 8 से 10 टन के आसपास पाया जाता है.

कोहिनूर 51 ये किस्म बीन्स की कोहिनूर 51 किस्म का फल हरे रंग का होता है. इसके फल अन्य किस्मों से लंबे होते हैं. इस बीन्स के बीज को लगाने के 48-58 दिनों के अंदर पहली तुड़ाई शुरू हो जाती है. वहीं ये किस्म 90 से 100 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. इस किस्म की खेती किसान तीनों सीजन यानी रबी, खरीफ और जायद में कर सकते है.

एच जी -365 ये किस्म अनेक शाखाओ के साथ फैलने वाली यह किस्म प्रमाणित उन्नत किस्म है. 60 से 70 दिनों में जल्दी से पकने वाली किस्म है. पैदावार की बात करें तो 18-20 क्विंटल हेक्टेयर लिया जा सकता है.

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सुपर एक्स -7 इस किस्म के पौधो की उचाई 90 से 100 सेंटीमीटर मानी जाती है. देश में सिंचित और असिचित अवस्था दोनों में की जा सकती है. इस किस्म को पकने में 80 से 100 दिन का समय लग जाता है. इसका ओसत उत्पादन 6 से 8 क्विंटल एकड़ देखा जा सकता है. यह बीज किस्म ब्लाईट, जड़ गलन जैसें रोग के प्रति सहनशील होती है.








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