हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में कुल चार नवरात्रि आती हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रमुख नवरात्रि – चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती हैं। गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है, जबकि चैत्र और शारदीय नवरात्रि मुख्य रूप से गृहस्थ लोग मनाते हैं। शारदीय नवरात्रि का आरंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। देशभर में इस पर्व को बड़े धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जाता है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है। आइए जानें कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि कब से शुरू हो रही है, किस वाहन पर सवार होकर आ रही है। इसके साथ ही कलश स्थापना का मुहूर्त….
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कब से आरंभ हो रही शारदीय नवरात्रि?
शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ 22 सितंबर को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर होगा, जो 23 सितंबर को देर रात 02 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। ऐस में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से आरंभ हो रही है, जो 2 अक्टूबर को विजय दशमी यानी दशहरा के साथ समाप्त होगी।
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2025
द्रिक पंचांग के अनुसार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:09 से सुबह 08:06 बजे तक रहेगा। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।
किस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा
शशिसूर्ये गजारूढ़ा , शनिभौमे तुरंगमे ।
गुरुशुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता ।।
फलम् – गजे च जलदा देवी , छत्रभङ्ग तुरंगमे ।
नौकायां सर्व सिद्धिस्यात् दोलायां मरणं धुव्रम् ।।
श्रीमददेवी भागवत महापुराण के इस श्लोक के अनुसार, मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान किस वाहन के साथ करेंगी। इसका निर्धारण सप्ताह के दिन के हिसाब से किया जाता है। इस बार नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर सोमवार से हो रहा है। इस श्लोक का अर्थ है कि यदि नवरात्रि की प्रतिपदा सोमवार या रविवार को हो, तो माता दुर्गा गज (हाथी) पर आरूढ़ होती हैं। अगर नवरात्रि शनिवार या मंगलवार को पड़े, तो माता घोड़े पर सवार मानी जाती हैं। यदि प्रतिपदा गुरुवार या शुक्रवार को हो, तो माता डोली (पालकी) पर आती हैं और यदि यह दिन बुधवार को हो, तो माता दुर्गा नौका (कश्ती) पर आरूढ़ होती हैं।
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देवी मां का हाथी में सवार होकर आने का क्या है मतलब?
नवरात्रि में मां दुर्गा का गज यानी हाथी पर सवार होकर आना शुभ माना जाता है। इस वाहन में सवार होकर आने से वर्षा प्रचुर मात्रा में होती है। इसके साथ ही खुशियों की दस्तक होती है। सुख-समृद्धि बढ़ती है। इसका मतलब है कि पूरा साल सुख-समृद्धि, सौभाग्य लेकर आने वाला है। इसके साथ ही वर्षा होने के कारण अनाज आदि ठीक होगा।
शारदीय नवरात्रि 2025 कैलेंडर
शारदीय नवरात्रि तिथियां 2025 | दिन / तिथि | पूजा / पर्व |
22 सितंबर 2025 | प्रतिपदा | मां शैलपुत्री पूजा |
23 सितंबर 2025 | द्वितीया | मां ब्रह्मचारिणी पूजा |
24 सितंबर 2025 | तृतीया | मां चंद्रघंटा पूजा |
25 सितंबर 2025 | तृतीया | — |
26 सितंबर 2025 | चतुर्थी | मां कूष्मांडा पूजा |
27 सितंबर 2025 | पंचमी | मां स्कंदमाता पूजा |
28 सितंबर 2025 | षष्ठी | मां कात्यायनी पूजा |
29 सितंबर 2025 | सप्तमी | मां कालरात्रि पूजा |
30 सितंबर 2025 | महाअष्टमी | मां महागौरी पूजा |
1 अक्टूबर 2025 | महानवमी | मां सिद्धिदात्री पूजा |
2 अक्टूबर 2025 | व्रत पारण / दशहरा | दुर्गा विसर्जन और दशहरा पर्व |
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