कई ऐसी पारंपरिक खेती हैं, जिनको उगाकर आज भी किसान लाखों का फायदा कमा रहे हैं.जी हां इसी तरह की एक फसल है सरसों की. सरसों की खेती किसानों के लिए सालों साल से मुनाफा देने का ऑप्शन रही है.तो अगर आप भी अपनी आय को कई गुना बढ़ाना चाहते हैं, तो सरसों की खेती तो कर सकते हैं.तो आइए जानते हैं कैसे सरसों की खेती आपको लखपति बना सकती है और इसका पूरा प्रोसेस क्या है?
सरसों की खेती क्यों है खास?
सरसों भारत की एक प्रमुख तिलहनी फसल होती है, जिसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कम लागत और कम पानी में भी अच्छी पैदावार दे सकती है.इसके साथ ही बदलते मौसम और खेती की बढ़ती लागत के बीच, सरसों किसानों के लिए एक भरोसेमंद और मुनाफे का सौदा साबित हो रही है. तो सिंपल शब्दों में समझेंगे कैसे सरसों की खेती कर सकते हैं किसान?
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कैसे करें सरसों की खेती
1. सही मिट्टी और जलवायु
मिरेतीली दोमट से लेकर भारी दोमट मिट्टी तक, सभी में इसकी खेती हो सकती है. इसके साथ ही यह ठंडी और शुष्क जलवायु की फसल है.फसल उगाने से पहले हमेशा खेत की 2-3 गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बना लें.
3. उन्नत किस्मों का चयन
हमेंशा अच्छी पैदावार के लिए सही किस्म चुनना सबसे ज़रूरी है.पूसा बोल्ड, आरएच 749, आरएच 725, सीएस 52, बायो 902 जैसी अच्छा उत्पादन देने वाली फसलों को चुनना चाहिए.
4. बुवाई का सही समय और तरीका
सरसों के लिए सितंबर से अक्टूबर के बीच का समय बुवाई के लिए सबसे अच्छा मानते हैं.इसकी 30-45 सेमी की दूरी पर कतारों में बुवाई करें और बीज को 2-3 सेमी गहरा बोएं. वैसे प्रति एकड़ 1.5 से 2.5 किलो बीज काफी माना जाता है.
बीज उपचार: बुवाई से पहले बीज को फफूंदनाशक से उपचारित करें ताकि बीमारियों से बचाव हो सके।
5. खाद और उर्वरक प्रबंधन
खेत की तैयारी के समय गोबर की खाद डालें.जी हां फसल की बुवाई के समय नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की संतुलित मात्रा डालना चाहिए.इसके लिए नाइट्रोजन,फास्फोरस और पोटाश को अच्छा माना जाता है.
6. सिंचाई प्रबंधन
सरसों को ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती है, लेकिन इसकी पहली सिंचाई बुवाई के 30-35 दिन बाद (फूल आने से पहले) करें और दूसरी सिंचाई फलियों में दाना भरते समय (बुवाई के 60-70 दिन बाद) करना चाहिए.
7. कटाई
सरसों की जब फलियाँ पीली पड़ने लगें और दाने सख्त हो जाएं, तब कटाई करें.आमतौर पर फसल 110-140 दिनों में पक जाती है. इसके साथ ही कटाई के बाद फसल को 2-3 दिन धूप में सुखाना चाहिए.
सरसों की खेती का कमाई का कैलकुलेशन
सरसों की औसतन प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल सरसों की पैदावार आसानी से हो सकती है, कुछ किसान तो 12-15 क्विंटल तक भी ले लेते हैं.वहीं,सरसों का औसत भाव 5,000 से 7,000 रुपए प्रति क्विंटल तक रहता है.तो अगर आप 10 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल का औसत भाव भी लें, तो आपकी कुल आय 60,000 रुपए प्रति एकड़ तक पहुंच सकती है. वैसे इसकी बुवाई से लेकर कटाई तक का कुल खर्च प्रति एकड़ लगभग 15,000 से 20,000 रुपए आता है.इस हिसाब से, आपको प्रति एकड़ 40,000 से 45,000 रुपये का शुद्ध मुनाफा मिल सकता है.तो अब सोचिए, अगर आपके पास 2-3 एकड़ जमीन है, तो आप आसानी से लाखों में खेल सकते हैं.
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लखपति बनने का कैलकुलेशन (टेबल फॉर्मेट)
जमीन (एकड़) | अनुमानित पैदावार (क्विंटल) | कुल आय (₹) | कुल खर्च (₹) | शुद्ध मुनाफा (₹) |
---|---|---|---|---|
1 एकड़ | 10 क्विंटल | 60,000 | 15,000–20,000 | 40,000–45,000 |
2 एकड़ | 20 क्विंटल | 1,20,000 | 30,000–40,000 | 80,000–90,000 |
3 एकड़ | 30 क्विंटल | 1,80,000 | 45,000–60,000 | 1,20,000–1,35,000 |
अब आप समझ रहे होंगे कि सरसों की खेती केवल एक पारंपरिक फसल नहीं, बल्कि आज के समय में मुनाफे का एक जबरदस्त जरिया भी है.तो सही जानकारी, उन्नत तकनीक और थोड़ी सी मेहनत से आप भी अपनी जमीन से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं और सचमुच लखपति किसान बन सकते हैं.(नोट-खबर केवल जानकारी के लिए है, खेती कैसे करना और करना है कि नहीं ये किसान के ऊपर है)
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