खैरागढ़ : शहर के एक निजी अस्पताल बालाजी हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप सामने आया है। जोरातराई निवासी अजय देवदास ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी कुसुमलता देवदास का इलाज करते समय अस्पताल प्रबंधन ने अमानवीय रवैया अपनाया और तय राशि से कई गुना अधिक बिल थमा दिया।
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शिकायतकर्ता के अनुसार 9 सितंबर 2025 को उनकी पत्नी को बच्चेदानी संबंधित समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गंडई स्थित बालाजी डायग्नोसिस सेंटर में सोनोग्राफी कराने के बाद डॉक्टर ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी। इसके बाद खैरागढ़ स्थित बालाजी हॉस्पिटल से लगातार फोन करके दबाव डाला गया कि यदि देरी की गई तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
इस बीच परिवार ने अस्पताल प्रबंधन को अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताया जिसके बाद भर्ती के समय उन्हें इलाज का कुल खर्च 25,000 रुपये बताया गया था। लेकिन 12 सितंबर को अचानक 65,600 रुपये का बिल दे दिया गया। आर्थिक स्थिति की वजह से परिजनों ने आपत्ति जताई तो डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन ने इलाज रोक दिया और कहा कि जब तक पैसा जमा नहीं होगा उपचार जारी नहीं किया जाएगा।
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