नई दिल्ली: गुलाम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की बर्बरता देखने को मिल रही है। पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लगातार तीसरे दिन हिंसक प्रदर्शन में बुधवार को 12 नागरिकों की मौत हुई है।सूत्रों के अनुसार, बाग जिले के धीरकोट में चार और मुजफ्फराबाद में दो और मीरपुर में दो लोगों की मौत हुई है। मंगलवार को भी मुजफ्फराबाद में दो और मौंते हुई थीं।
गुलाम जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन
पिछले 72 घंटों में, 'मौलिक अधिकारों के हनन' के मुद्दे पर अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में गुलाम जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें बाजार, दुकानें और स्थानीय व्यवसाय पूरी तरह से बंद हैं, साथ ही ट्रांसपोर्ट सर्विस भी ठप है।
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बुधवार सुबह, प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और मुजफ्फराबाद की ओर उनके मार्च को रोकने के लिए पुलों पर रणनीतिक रूप से रखे गए बड़े शिपिंग कंटेनर नीचे नदी में फेंक दिए।
क्या मांग कर रहे प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारियों की 38 मांगें हैं, जिनमें पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए रिजर्व गुलल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 12 सीटों को खत्म करना भी शामिल है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि इससे प्रतिनिधि शासन कमजोर होता है।
गुलाम जम्मू-कश्मीर में पाक सेना की बर्बरता
पाकिस्तान की सेना की गुलाम जम्मू-कश्मीर में बर्बरता जारी है। पाक न्यूज वेबसाइट डॉन ने कहा, और हजारों सैनिकों को आस-पास के पंजाब प्रांत से फिर से रूट किया गया है। सूत्रों ने कहा कि कैपिटल इस्लामाबाद से अतिरिक्त 1,000 सैनिक भेजे गए हैं। पाक सरकार ने भी इस क्षेत्र में इंटरनेट एक्सेस को प्रतिबंधित कर दिया है।
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