पाकिस्तानसंग डिफेंस डील पर भारत इतना भड़क गया, सऊदी अरब के 300 पेट्रोलियम ट्रक को सच में किया बाहर?

पाकिस्तानसंग डिफेंस डील पर भारत इतना भड़क गया, सऊदी अरब के 300 पेट्रोलियम ट्रक को सच में किया बाहर?

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते कैसे हैं, ये तो पूरी दुनिया को पता है। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंक को पनाह देने और आतंकियों का सपोर्ट करने के लिए जाना जाता है। भारत में जितने भी आतंकी हमले हुए हैं, उनमें कहीं न कहीं पाकिस्तान का हाथ भी रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद तो पाकिस्तान की पोल खुल गई थी और भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया था। उससे पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान का नकाब भी उतर गया था। इसके साथ ही ये भी साफ हो गया था कि पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का सीधा सीधा हाथ रहा था। भारत के कई बार समझाने के बावजूद पाकिस्तान ने आतंकियों को पनाह देना बंद नहीं किया। यही वजह है कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कभी नरमी नहीं आई है। इसी बीच बीते हफ्ते की एक खबर ने भारत के कान खड़े कर दिए। दरअसल, पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच पिछले दिनों बड़ी डील हुई। डील की खासियत ये रही कि पाकिस्तान पर हमला सऊदी पर हमला माना जाएगा। सऊदी अरब पर हमला पाकिस्तान पर हमला माना जाएगा। इस समझौते में ये भी कहा गया कि पाकिस्तान के सैनिकों को सऊदी एक तरीके से खरीद भी लिया है और अब वो उसे अपने यहां इस्तेमाल करेगा। ऐसे में सवाल ये उठे कि जिस सऊदी के साथ भारत के रिश्ते अच्छे हो रहे थे। उसे भारत क्या जवाब देगा। लेकिन भारत पूरे मामले पर खामोश रहा। भारत की चुप्पी ने अब सऊदी अरब को ये समझा दिया है कि हम बोलते कम और करते ज्यादा है।

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डिफेंस डील का पहले परीक्षण हो गया

पाकिस्तान पर हमला सऊदी अरब पर हमला माना जाएगा। ऐसा इस डील में कहा गया था। लेकिन बीते दिनों ही एलपीजी से भरे एक जहाज को इजरायल की तरफ से यमन के पास निशाना बनाया गया। बताया जाता है कि इजरायल ने पाकिस्तानी सैनिकों को गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन पूरे मामले में सऊदी अरब का कुछ अता-पता नहीं रहा। पाकिस्तान के ये जहाज यमन के रास अल इशा पोर्ट पर खड़ा था। तभी इस पाकिस्तान जहाज पर इजरायली ड्रोन टूट पड़े। पाकिस्तान पर ये इजरायल का पहला और अनोखा हमला है। मजे की बात देखिए कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ एक डिफेंस डील की थी। जिसके तहत एक देश पर हमला दूसरे देश पर भी हमला माना जाएगा। लेकिन यहां पर इजरायल ने अपने हमले में एक ऐसा खेल कर दिया, जिसके बाद अब तो सऊदी अरब ने भी चुप्पी साध ली।

सऊदी की लड़ाई में पाक सैनिक

जब से भारत आजाद हुआ है या पाकिस्तान बना है तब से उसके रिश्ते सऊदी अरब के साथ अच्छे हैं। हमारे बहुत सारे लोग वहां काम करते हैं। लेकिन पाकिस्तान के साथ भी सऊदी के रिश्ते अच्छे रहे हैं। पाकिस्तान अपने सैनिकों को सऊदी की तरफ से लड़ने के लिए भेजता रहा है। सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच का समझौता भारत के लिए नहीं था। सऊदी की तरफ से बाद में इस डील को लेकर सफाई भी दी गई। सऊदी अरब और भारत के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है। पाकिस्तान को सऊदी की तरफ से पैसे मिलते हैं और वो अपने सैनिक लड़ने के लिए भेजता है। भारत के साथ सऊदी का पार्टनरशिप का बराबरी वाला रिश्ता है।

सऊदी का 300 पेट्रोलियम ट्रक वापस भेजा

ऑनलाइन एक वायरल पोस्ट प्रसारित हो रही है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भारत ने सऊदी अरब से 300 तेल टैंकर वापस कर दिए, जिसके कारण सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था 24 घंटे के भीतर 10% तक गिर गई, और भारत ने खाद्यान्न निर्यात रोकने की धमकी दी, जिस पर सऊदी अरब कथित रूप से निर्भर है। जब पाक सऊदी की डिफेंस डील की गई तो उसके बाद सऊदी के ऑयल टैंकर भारत आए। भारत की तरफ से कहा गया कि फिलहाल इसे होल्ड पर रखें और जब जरूरत होगी तो बता दिया जाएगा। इसे अभी वापस ले जाएं। सऊदी अरब इस एक्शन से बौखला उठा। उसने भारत को लेकर सफाई देनी शुरू कर दी। एक यूजर ने एक लंबा-चौड़ा दावा शेयर किया है, जिसमें लिखा भारत ने सऊदी अरब के पेट्रोलियम से भरे 300 टैंकर लौटा दिए, जिससे सऊदी अरब में हड़कंप मच गया। क्या सऊदी अरब ने सोचा था कि पाकिस्तान के साथ रक्षा समझौता करने से यह सऊदी अरब पर हमला माना जाएगा और भारत जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा? भारत चुप रहेगा? लेकिन सऊदी प्रिंस भूल गए कि यह नया भारत है, मोदी सरकार है, जो राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करती। पोस्ट में दावा किया गया कि भारत सरकार ने सऊदी अरब से आने वाले टैंकरों पर तुरंत रोक लगा दी। बताया जाता है कि भारत के इस कदम के 24 घंटे के भीतर ही सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में लगभग 10% की गिरावट आ गई।

क्या है इस दावे का सच

किसी भी विश्वसनीय समाचार आउटलेट ने यह नहीं बताया है कि भारत ने सऊदी तेल टैंकरों को लेने से इनकार किया या उन्हें वापस लौटाया, और ऐसी किसी घटना से अचानक 10% आर्थिक गिरावट का कोई सबूत नहीं है। इसी तरह, किसी भी सत्यापित स्रोत ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि भारत ने सऊदी अरब को खाद्यान्न निर्यात बंद करने की धमकी दी थी। इसके विपरीत, कृषि उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है। अगस्त 2025 में, "एक ज़िला एक उत्पाद" पहल के तहत पहली बार कारगिल से खुबानी सऊदी अरब, कुवैत और कतर को निर्यात की गई, जिससे खाद्य व्यापार में व्यवधान के बजाय मज़बूती का संकेत मिलता है।

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अमेरिका के चक्कर में फंस गया सऊदी?

बताया जाता है कि अमेरिका ने ये डील कराई है और ये डील पाकिस्तान के लिए नहीं बल्कि सऊदी अरब के लिए हुई है। इजरायल और गाजा के बीच जंग छिड़ी है। ट्रंप को रिवेरा ऑफ ईस्ट बनाना है। वहां एक रिजर्व फौज बनाई जा रही है, जो मुस्लिम देशों के सैनिकों को मिलाकर बनाया जाएगा। उसी सिलसिले में जॉर्डन, मिस्र, सऊदी अरब के साथ अमेरिका ने डील की है। उसी में पाकिस्तान के सैनिकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। हूती विद्रोही हमला करेगी तो पाकिस्तानी फौज सऊदी अरब में जाकर लड़ेगी। ईरान और सऊदी अरब की लड़ाई, पाकिस्तान और भारत की लड़ाई, इससे इस डील का कोई मतलब नहीं है।









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