उडीसा बस्तर से आ रही अवैध धान व्यापारी लगे है स्टाक करने 10 तारीख के पहले व्यापारी भर रहे गोदाम

उडीसा बस्तर से आ रही अवैध धान व्यापारी लगे है स्टाक करने 10 तारीख के पहले व्यापारी भर रहे गोदाम

नगरी: धमतरी जिले का बोरई उडीसा व बस्तर से लगा हुआ है बोरई से मात्र चार कीलो मीटर की दूरी पर उडीसा बार्डर व बोरई से 1 कीलो मीटर मे बस्तर बार्डर है ऐसे मे अब बोरई व नगरी क्षेत्र के धान व्यापारी अभी से अपना स्टाक करने जुगत लगा रहे जहा रोजाना बस्तर व उडीसा से गाडियो का अवैध धान का कारोबार धडल्ले से चल रहा और अधिकारी सिर्फ 10 तारीख का इन्तजार कर रहे जो व्यापारियो के लिये माल जमा करना असान हो गया बता दे खरीफ फसल की खरीदी का तिथि शासन ने तय कर दी व अवैध धान परिवहन पर सक्ती से कार्यवाही के लिये उडनदस्ता टीम भी तैय्यार कर दिये जहा व्यपारियो को भी धान स्टाक करने का पर्याप्त समय मिल गया उडीसा और बस्तर ही एक मात्र ऐसा जगह है जहा से जिले मे पर्याप्त मात्रा मे धान की सप्लाई होती है ......

बार्डर मे नही रहता चेक पोष्ट

बता दे हर वर्ष धान की खरीदी के समय बार्डर मे चेक पोष्ट बनाया जाता है मगर ये चेक पोष्ट मात्र नाम के लिये रहता है बार्डर पर किसी तरह का नाका या चेक पाईन्ट नही रहता मंडी के अधिकारी व पुलिस के जवान बोरई फारेस्ट चेक पोस्ट नाका बोरई मे बैठते है ऐसे मे उडीसा व बस्तर के अवैध धान बेरोक टोक बोरई बस स्टैन्ड पहुच जाते है जहा से व्यापारी उडीसा के धान का अनुज्ञा असानी से कराकर दो नं की धान को एक नंबर कर देते थे व चेक पोष्ट से सेटिंग कर कितनो ही गाडियो को अवैध तरीके से परिवहन करते थे जहा शासन को हर वर्ष मंडी टैक्स का लाखो का नुकसान होता था अब देखना होगा की इस वर्ष धान की खरीदी प्रारंभ होते ही शासन अवैध धान का परिवहन रोकने उडीसा बार्डर पर चेक पोष्ट लगाती है या फिर बोरई बस स्टैन्ड के पास फारेस्ट नाका मे

लिखमा बैरियर मे भी नही रहता कोई चेक पोष्ट

बता दे वही अवैध परिवहन मे लिप्त धान के व्यपारियो के लिये लिखमा बैरियर सबसे अच्छा साबित होता है जहा उडीसा के कुदई होते अवैध धान भर कर अराम से कोचिये व्यपारी बाईपास सडक होते हुए सीधे बोरई बेरियर पहुचते है जहा से ये अराम से उडीसा के धान को नगरी सिहावा व्यपारियो तक खपा देते है

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -बिना आत्मसात किए कैसे साथ छत्तीसगढ़ का मिलेगा 

मंडी टैक्स मे बचत

व्यापारियों को मंडी टेक्स मे बचत करना कोई बडी बात नही अक्सर व्यापारी 200 कट्टा का मंडी अनुज्ञा कटवा कर वाहन मे लगभग।350 से 400 कट्टा तक धान का परिवहन करते जहा व्यापारी हर चक्कर मे शासन को लगभग 200 बोरी धान का टैक्स का चुना लगाते है ऐसे मे शासन का रोजाना हजारो रूपय कर टैक्स का नुकसान होता है ..

आन लाईन अनुज्ञा व्यपारियो के लिये बना वरदान

वही शासन ने डिजिटल के माध्यम से अब आनलाईन अनुज्ञा की सहूलियत दे दी जहा व्यापारियों मे आनलाईन अनुज्ञा के चलते अब सिर्फ मोबाईल मे अनुज्ञा दिखा कर चलना है ऐसे मे अनुज्ञा मे किसी प्रकार की कोई जाच का सील मुहर नही लगेगा जो व्यापारियों के लिये वरदान साबित होगा एक अनुज्ञा मे व्यापारी दो तीन चक्कर उस तारीख मे परिवहन करने की जुगत मे लग गये है व आनलाईन सिस्टम के चलते अगर कही कोई अधिकारी बगैर दस्तावेज के गाडी रोक ले तो व्यपारी तुरंत आनलाईन के माध्यम से वाहन चालक को अनुज्ञा मोबाईल के माध्यम से भेज देगे और वाहन मे अनुज्ञा पहुचते ही दो नं का माल तुरंत एक नं हो जायेगा

कलेक्टर ने अवैध धान परिवहन पर सक्ती से कार्यवाही के निर्देश दिये है अभी तो फारेस्ट नाका मे ही जाँच होगी लेकिन परिवहन कर्ता कम अनुज्ञा कटवा कर ज्यादा परिवहन करता है तो बारीकी से जाच कराकर कार्यवाही करेंगे 

प्रिती दुर्गम एस डी एम नगरी









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments