आदिवासी आश्रम भाटीगढ़ से बालक को निकाला : मैनपुर के युवा बैठे धरने पर

आदिवासी आश्रम भाटीगढ़ से बालक को निकाला : मैनपुर के युवा बैठे धरने पर

गरियाबंद : आदिवासी बालक आश्रम भाटीगढ़ से एक आदिवासी बालक को निकाल दिये जाने को लेकर मैनपुर के कुछ युवा मैनपुर में आज धरने पर बैठ गये। युवा सामंत शर्मा और शाहिद मेमन का कहना है कि मंडल संयोजक व आश्रम अधीक्षक द्वारा मनमानी की जा रही है, सिर्फ आधार कार्ड नही होने के कारण बालक संतोष नेताम पिता बिसनाथ निवासी ग्राम गोंदराबाहरा को आश्रम से निष्कासित कर दिया गया है। संतोष पिछले दो दिनों से आश्रम के सामने की एक दुकान में रह रहा है।धरने पर बैठे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इसे अनैतिक व क्रूर कृत्य बताया है। अनुविभागीय अधिकारी (रा) मैनपुर से उन्होंने उचित कार्यवाही की मांग की है।

इस संबंध में आश्रम अधीक्षक दुर्गाप्रसाद यादव ने बताया कि उक्त बालक को कथित तौर पर मैनपुर टी आई शिवशंकर हुर्रा द्वारा गोद लिया गया था और फिर आश्रम में लाकर छोड़ दिया गया। बालक के संबंध में किसी प्रकार के दस्तावेज नही है, ऐसे में उसे आश्रम में रखना संभव नहीं है।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -बिना आत्मसात किए कैसे साथ छत्तीसगढ़ का मिलेगा 

प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त बालक की माँ का देहांत हो गया है, पिता बिसनाथ किसी मामले में जेल निरुद्ध है, बिसनाथ के कुल तीन बच्चे हैं, सबसे छोटे बालक संतोष के अलावा दो लड़कियां और है, जो कुल्हाड़ी घाट आश्रम में है।

किसी आपराधिक मामले में गोंदरा बाहरा का बिसनाथ आरोपित हुआ था, मामले की तफ्तीश के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, मां की मृत्यु और पिता की गिरफ्तारी के बाद इन तीन मासूम बच्चों की परवरिश करने वाला कोई नहीं है।बताया जा रहा है इस परिस्थिति को देखते हुये मैनपुर टी आई शिवशंकर हुर्रा द्वारा तत्समय इन बच्चों की सरपरस्ती का दावा किया गया था। किंतु अब स्थिति बदली हुई नजर आ रही है।

मामले में सहायक आयुक्त गरियाबंद नवीन भगत से हुई चर्चा में उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा, स्कूल भर्ती के आधार पर बच्चों का डायस नंबर जारी किया जाता है, डायस नम्बर के आधार पर ही आदिवासी विकास विभाग द्वारा बच्चों के आश्रम में रहने खाने खर्चे की व्यवस्था की जाती है।

संतोष की स्कूल भर्ती की उम्र ही नहीं है, ना ही वह किसी स्कूल में भर्ती है। उसका जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड जैसे कोई दस्तावेज भी नहीं है, ऐसे में उसे किसी आश्रम शाला में रखना नियमों के विपरीत है।सहायक आयुक्त ने कहा कि प्रशासनिक पहल के तहत हम बालक संतोष को महिला बाल विकास द्वारा संचालित बाल गृह में रखने का प्रयास करेंगे।









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments