जानिए हैदराबाद की उन 5 जगहों के बारे में, जहां रातें अब भी डर सुनाती हैं

जानिए हैदराबाद की उन 5 जगहों के बारे में, जहां रातें अब भी डर सुनाती हैं

हैदराबाद जहां दिन में बिरयानी की खुशबू और साइबर सिटी की चहल-पहल दिखती है, वहीं रात होते ही इसका एक स्याह, डरावना चेहरा सामने आता है. निजामों के इस शहर में ऐसी कई जगहें हैं जहां के भूतिया किस्सों ने लोगों की रूह कंपा दी. जानिए हैदराबाद की उन 5 जगहों के बारे में, जहां रातें अब भी डर सुनाती हैं.

हैदराबाद जो अपनी स्वादिष्ट बिरयानी और दुनिया भर में मशहूर साइबर हब के लिए जाना जाता है, वहीं इस शहर का एक स्याह और डरावना पहलू भी है. निजामों के शहर के कोने-कोने में रहस्य और डर के किस्से दफन हैं. अगर आपको रोंगटे खड़े करने वाले अनुभव पसंद हैं तो यहां उन 5 जगहों के नाम है जहां के भूतिया किस्सों ने लोगों की नींद उड़ा रखी है.

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बंजारा हिल्स कभी घने जंगलों और निजामों के शिकारगाह के लिए मशहूर था. आज यह इलाका अपने भूतिया कब्रिस्तान, खासकर सड़क नंबर 12 पर स्थित, के लिए कुख्यात है। स्थानीय लोगों का दावा है कि यहां कई डरावनी घटनाएं घट चुकी हैं जो इस जगह को हैदराबाद की सबसे रहस्यमयी और डरावनी जगह बनाती हैं. रात के अँधेरे में यहां आवाज़ें और परछाइयां देखने को मिलती हैं.

कुंदनबाग का यह पॉश इलाका एक ऐसे मकान के लिए डर के साये में है जिसे अत्यधिक अलौकिक गतिविधियों का अड्डा माना जाता है. कहा जाता है कि आधी रात को इस घर की बालकनी में तीन महिलाओं के भूत मोमबत्तियां लेकर घूमते देखे गए हैं. सबसे डरावनी बात यह है कि इनमें से एक महिला के भूत ने एक बार मकान के पास गुजर रहे लोगों पर कुल्हाड़ी से हमला करने की कोशिश भी की थी.

रवींद्र नगर कॉलोनी में एक मंदिर के ध्वस्त होने के बाद से ही यह इलाका अजीबोगरीब घटनाओं का केंद्र बन गया. यहां के निवासियों का मानना है कि इसके बाद से इलाके में देवताओं का प्रकोप छा गया, जिसके चलते यहां लगातार कई आत्महत्याएं हुईं. लोगों का कहना है कि यह सब भूत-प्रेत की मौजूदगी और अशांत आत्माओं का नतीजा है.

हैदराबाद के एक साइंस महाविद्यालय का निर्माण तो ज्ञान-विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए किया गया था, लेकिन एक दुखद घटना ने इसे एक डरावनी जगह में तब्दील कर दिया. अफवाहें हैं कि कॉलेज की प्रयोगशालाओं में उन लाशों के भूत भटकते हैं, जिनका इस्तेमाल शरीर रचना साइंस के प्रयोगों के लिए किया जाता था. छात्रों और स्टाफ ने रात में लैब्स से आती हुई आवाजे और अस्पष्ट आकृतियां देखने की बात कही थी.

लगभग 40 साल पहले लगभग डेढ़ लाख रुपये की लागत से बने इस मकान को इसीलिए डेढ़ लाख घर कहा जाता है. किंवदंती है कि लक्ष्मण नाम के मालिक ने इसे बनवाया तो था लेकिन खुद कभी रहा नहीं. इसके बाद से ही इस विशाल कोठी में अलौकिक हलचलों की इतनी चर्चा हुई कि अंततः हैदराबाद नगर निगम ने इसे ध्वस्त करने का फैसला कर लिया. यह घर अपनी डरावनी सुनसानी और अनकही दास्तानों के लिए मशहूर रहा.

 









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