पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण समाप्त होते ही कांग्रेस को झटका लगा है। वरिष्ठ नेता डा. शकील अहमद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को उन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि इसे प्राथमिक सदस्यता से उनका इस्तीफा माना जाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. शकील अहमद ने पत्र में कुछ पारिवारिक कारण गिनाए हैं। उन्होंने परोक्ष रूप से पार्टी के कुछ नेताओं से मतभेद की बात भी कही है।
पहले बना लिया पार्टी छोड़ने का मन
राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि 16 अप्रैल 2023 लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे।
यह घोषणा भी की थी कि तीनों पुत्र कनाडा में रहते हैं। उनमें से किसी की भी रुचि राजनीति के प्रति नहीं है। इसलिए वे भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
लेकिन, अब यह संभव नहीं लगता। दुखी मन से कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो रहा हूं।
डा. शकील ने आगे लिखा है कि किसी भी दूसरी पार्टी में शामि होने का कोई इरादा नहीं है। अपने पूर्वजों की तरह उन्हें भी कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों में अटूट विश्वास है।
जीवनभर कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों का शुभचिंतक और समर्थक बने रहने और जीवन का अंतिम वोट भी कांग्रेस के पक्ष में गिराने की बात उन्होंने लिखी है।
उन्होंने अपने दादा, पिता की कांग्रेस से जुड़कर राजनीतिक यात्रा की चर्चा की है। उन्होंने लिखा है कि पार्टी की सदस्यता त्यागने का फैसला पहले ही कर लिया था।
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चुनाव खत्म होने का कर रहे थे इंतजार
लेकिन उसकी घोषणा मतदान समाप्त होने के बाद की है, क्योंकि वे नहीं चाहते, कि मतदान से पहले कोई गलत संदेश जाए और उनकी वजह से पार्टी को पांच वोट का नुकसान हो।
उन्होने लिखा है कि स्वास्थ्य कारणों से चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो सके। उम्मीद है कि इस बार कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी और हमारे गठबंधन की मजबूत सरकार बनेगी।



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