किसानों की सिंचाई लागत को कम करने और उन्हें ऊर्जा के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने को प्रोत्साहित कर रही हैं। इस योजना के तहत किसानों को खेत में सोलर पंप लगवाने के लिए भारी सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। ऐसे में किसान इस योजना के तहत सोलर पंप लगवाकर 24 घंटे सिंचाई की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उपलब्ध कराना है, ताकि वे महंगी बिजली और डीजल पर निर्भरता से मुक्त हो सकें।
योजना के तहत अब कितनी होगी बचत
अब सरकार ने योजना में किसानों के लिए नई राहत की घोषणा की है। सौर ऊर्जा पंप संयंत्रों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। जीएसटी में इस कटौती से किसानों को सोलर पंप की स्थापना पर 4,209 से 7,811 रुपए तक की सीधी बचत होगी।
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अब सोलर पंप होंगे और सस्ते
केंद्र सरकार की इस पहल से किसानों को सोलर पंप अब पहले की तुलना में काफी कम कीमत पर उपलब्ध होंगे। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक किसान अपने खेतों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाएं, जिससे सिंचाई लागत घटे और कृषि उत्पादन बढ़े। राजस्थान सरकार ने भी इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य में 3 HP, 5 HP और 7.5 HP क्षमता वाले सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना पर किसानों को 60 प्रतिशत तक का अनुदान (सब्सिडी) दिया जा रहा है।
एससी-एसटी किसानों को अतिरिक्त लाभ
योजना के तहत अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को 45,000 रुपए तक का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा किसान अपनी शेष लागत के लिए 30 प्रतिशत तक का ऋण बैंक से प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह किसान को स्वयं केवल 10 प्रतिशत राशि जमा करनी होती है, जिसके बाद वह अपने खेत में सौर ऊर्जा पंप संयंत्र की स्थापना करा सकता है। उद्यान विभाग, झालावाड़ के उप निदेशक सुभाष शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा जीएसटी दर घटाने के निर्णय से किसानों की आर्थिक भार में काफी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी हिस्से की राशि नई दरों के अनुसार कम लागत पर जमा करा सकेंगे और सोलर पंप लगवाने की प्रक्रिया तेजी से पूरी कर सकेंगे।
सौर ऊर्जा से सिंचाई, बिजली निर्भरता खत्म
सौर ऊर्जा पंप संयंत्र की स्थापना के बाद किसान को सिंचाई के लिए अब बिजली कनेक्शन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इससे किसानों को दिन के समय फसलों की सिंचाई करने की सुविधा मिलेगी और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा। डीजल और बिजली खर्च में कमी आने से खेती की लागत घटेगी और किसान की आमदनी बढ़ेगी। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में देशभर के लाखों किसानों तक सौर ऊर्जा पंप पहुंचाए जाएं। यह पहल “डबल इनकम” (किसानों की आय दोगुनी करने) के लक्ष्य को भी सशक्त करेगी।
किसान कैसे करें सोलर पंप के लिए आवेदन
राजस्थान के किसान पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप के लिए राज किसान पोर्टल (rajkisan.rajasthan.gov.in) पर स्वयं या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जिसमें जन आधार कार्ड, जमाबंदी की प्रमाणित कॉपी, सिंचाई स्रोत प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण और आवश्यक श्रेणी प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) शामिल हैं।
समय पर राशि जमा कराएं किसान
अधिकारी ने बताया कि जो किसान पहले से आवेदन कर चुके हैं, वे अपनी हिस्सा राशि शीघ्र जमा करवाकर पंप स्थापना कार्य पूरा करें। यदि किसान निर्धारित समय में राशि जमा नहीं कराते हैं, तो उनकी प्राथमिकता निरस्त कर दी जाएगी और अवसर नए आवेदकों को प्रदान किया जाएगा।
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किसानों के लिए लाभदायक पहल
इस योजना से न केवल सिंचाई की सुविधा आसान होगी, बल्कि किसान ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम बढ़ा सकेंगे। सौर पंपों से जल निकासी में किसी प्रकार की बाधा नहीं होती और यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। बता दें कि पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत जीएसटी दर में कमी और अनुदान की सुविधा से किसानों को अब सोलर पंप पहले से कहीं अधिक सस्ते मिल सकेंगे। यह कदम किसानों को सिंचाई में आत्मनिर्भर बनाकर उनकी खेती को आर्थिक रूप से अधिक सशक्त करेगा। योजना के संबंध में अधिक जानकारी या मार्गदर्शन के लिए किसान अपने नजदीकी उद्यान विभाग कार्यालय, सहायक कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक (उद्यानिकी) से संपर्क कर सकते हैं।



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