बिलासपुर : प्रदेश के चर्चित पत्रकार हत्याकांड के एक आरोपी द्वारा लगाई गई जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की सड़क निर्माण में धांधली को लेकर खबर प्रकाशित करने पर बेरहमी से हत्या कर लाश छुपा दी गई थी। पुलिस ने मामले में पत्रकार के ठेकेदार चचेरे भाइयों समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने सड़क निर्माण में करोड़ो की धांधली की खबर प्रकाशित की थी। जिसके आधार पर लोक निर्माण विभाग ने उक्त सड़क की जांच के निर्देश जारी कर दिए थे। इस सड़क का निर्माण मुकेश का ही चचेरा भाई सुरेश चंद्राकर कर रहा था। खबर प्रकाशित होने से नाराज होकर सुरेश चंद्राकर ने हत्या की प्लानिंग बनाई। एक जनवरी को न्यू ईयर पार्टी के नाम से डिनर के लिए सुरेश चंद्राकर, उसके भाई रितेश चंद्राकर,दिनेश चंद्राकर और उनके कर्मचारी महेंद्र रामटेके ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर को बुलाकर लोहे की रॉड से बेरहमी से पीट कर गंभीर चोट पहुंचा हत्या कर दी। फिर लाश को सैप्टिक टैंक में दफना कर ऊपर से चुनाई करवा दी।
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1 जनवरी की शाम से पत्रकार मुकेश चंद्राकर लापता थे परिजनों की शिकायत पर उन्हें खोज रही पुलिस को बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस के सैप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर की लाश मिली। मामले में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के लाइसेंस रद्द करने के अलावा उसे पर जीएसटी की कार्यवाही तथा उसके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाने की कार्यवाही की गई थी।
इसके अलावा सरकार ने हत्याकांड की जांच के लिए आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने 75 दिनों में जांच कर 1200 पन्नों का चालान अदालत में प्रस्तुत किया था। इसमें विवेचना तथा साक्ष्यों,तथ्यों के आधार पर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, उसके भाई दिनेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और उनके कर्मचारी महेंद्र रामटेके को आरोपी बनाया गया था। तब से आरोपी जेल में है।
आरोपी दिनेश चंद्राकर ने नियमित जमानत के लिए याचिका लगाई थी। आज जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने जमानत का जमकर विरोध किया। तर्कों को सुनने के बाद आरोपी दिनेश चंद्राकर की नियमित जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।



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