सोशल मीडिया पर फैल रही धमकी के आरोप, छत्तीसगढ़िया समुदाय ने सुरक्षा और जांच की मांग उठाई

सोशल मीडिया पर फैल रही धमकी के आरोप, छत्तीसगढ़िया समुदाय ने सुरक्षा और जांच की मांग उठाई

रायपुर :  सोशल मीडिया पर आज सुबह से वायरल एक पोस्ट ने राजधानी में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। स्थानीय भाषा में लिखे संदेश में दावा किया गया है कि “परदेसिया संगठन” रायपुर में छत्तीसगढ़िया परिवारों के घरों में घुसकर मारपीट व हत्या की धमकी दे रहा है और समुदाय को भागने के लिए मजबूर करने की बात की गई है। पोस्ट में #छत्तीसगढ़िया, #छत्तीसगढ़िया_क्रान्ति_सेना, #cgviral जैसे हैशटैग भी शामिल थे और पाठ में लोगों से एकजुट होने की अपील की गई है।

पोस्ट को कई उपयोगकर्ताओं ने शेयर किया और कमेंट्स में गुस्सा और चिंता व्यक्त की जा रही है। कुछ लोगों ने पुलिस से तुरंत संज्ञान लेने और पोस्ट के स्रोत की जाँच करने की माँग की है, जबकि अन्य ने शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। वायरल संदेश में स्पष्ट रूप से किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं है, न ही धमकी देने वाले संगठन का कोई आधिकारिक पता या प्रमाण साझा किया गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सोशल मीडिया पर ऐसी फैल रही अफवाहें माहौल बिगाड़ सकती हैं। एक निवासी ने कहा, “हम सभी का शांति से रहने का हक है। अगर इस तरह की धमकियाँ हैं तो सरकार और पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए—पर बिना पुष्टि के अफवाहें फैलाना सही नहीं है।”

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स्थानीय विश्लेषक व समाजसेवी कहते हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिना तथ्य जांच के साझा की गई सामग्री सामाजिक तनाव बढ़ाती है और पुलिस-प्रशासन की छवि पर भी असर डालती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी ऐसी पोस्ट को आगे शेयर करने से पहले स्रोत की पुष्टि करें और शान्ति बनाए रखें। जिला पुलिस और संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में आधिकारिक टिप्पणी मिलने तक यह स्पष्ट नहीं है कि धमकी किसने दी है और उसका कोई ठोस प्रमाण मौजूद है या नहीं। हमारी टीम ने मामले की पुष्टि के लिए संबंधित थाना व पुलिस कंट्रोल रूम से संपर्क करने का प्रयास किया, परंतु अब तक आधिकारिक बयान हासिल नहीं हो पाया है। प्राप्त होते ही अपडेट दिया जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की स्थितियों में पुलिस को सोशल मीडिया की ट्रेसिंग कर पोस्ट के स्रोत की पहचान करनी चाहिए और यदि किसी के खिलाफ नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही समुदायों के बीच शांति और भाईचारे को बनाए रखने के लिए स्थानीय नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों को आगे आकर स्थिति की स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उपभोक्ताओं व पाठकों से अपील है कि वे अफवाहों को बढ़ावा न दें, किसी भी हिंसक या उकसाने वाली सामग्री को रिपोर्ट करें और आवश्यक होने पर स्थानीय पुलिस को सूचित करें। कानून अपना काम करेगा—जनता की जिम्मेदारी है कि वह शांति बनाए रखे और तथ्य पर आधारित जानकारी का ही प्रचार-प्रसार करे।









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