सर्दियों के मौसम में सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली सब्ज़ियों में से एक है गोभी . यह फसल न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि खेती के लिहाज़ से किसानों को अच्छा मुनाफ़ा भी देती है. हालांकि, गोभी की सफल खेती की शुरुआत एक मजबूत और स्वस्थ नर्सरी से होती है. यदि पौध मजबूत होंगे, तो खेत में लगाने के बाद फसल भी रोगमुक्त, तेजी से बढ़ने वाली और अधिक उत्पादन देने वाली बनती है. नर्सरी में मिट्टी की तैयारी से लेकर बीज की बुवाई, खाद–उर्वरक, सिंचाई और रोग प्रबंधन हर कदम का विशेष महत्व होता है. आइए विस्तार से समझते हैं कि गोभी की नर्सरी कैसे तैयार की जाए और किन बातों का ध्यान रखना विशेष रूप से जरूरी है.
प्रगतिशील किसान पवन कुमार मौर्य ने बताया कि गोभी की सफल खेती की शुरुआत एक सही तरीके से तैयार की गई नर्सरी से होती है. इसके लिए सबसे पहले ऐसी जगह का चुनाव करें जहां पूरे दिन भर अच्छी धूप आती हो और पानी का निकास सुचारू हो, ताकि नमी ज्यादा न रुके और पौधे सड़ें नहीं. नर्सरी की मिट्टी भुरभुरी, उपजाऊ और रोग-मुक्त होनी चाहिए. इसके लिए खेत की मिट्टी को अच्छे से जोतकर उसमें अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाना बेहद फायदेमंद होता है.
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कैसे करें मिट्टी की तैयारी?
पवन मौर्य बताते हैं कि गोभी की नर्सरी की मिट्टी हल्की, भुरभुरी और फंगस रहित होनी चाहिए. मिट्टी को कम से कम दो बार अच्छी तरह जोतकर भुरभुरा बनाएं. नर्सरी बेड तैयार करते समय उसमें गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाने से मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं और पौधे तेजी से बढ़ते हैं. इससे पौध मजबूत, हरी-भरी और रोग प्रतिरोधक बनती है।
बीज की बुवाई का सही तरीका
बीज बोते समय उन्हें मिट्टी की हल्की परत के साथ मिलाया जाता है ताकि बीज अंदर चले जाएं. पवन मौर्य बताते हैं कि ध्यान रखें कि बीज बहुत ज्यादा गहराई में न दबें, वरना अंकुरण में दिक्कत आती है. बीज की बुवाई के बाद नर्सरी बेड को जूट की बोरी, भूसा या धान की पराली से ढक दें. इससे नमी बनी रहती है और बीजों का जमाव जल्दी तथा समान रूप से होता है.
अधिक सिंचाई भी घातक
नर्सरी में सिंचाई बहुत सावधानी से करें. अधिक पानी से पौध सड़ सकती है, इसलिए हल्की फुहार वाली सिंचाई ही करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे लेकिन पानी ठहरे नहीं. पौधों के बीच हवा का संचार अच्छा रहे, इसके लिए बेड को अधिक घना न बनाएं।
उगने के बाद तुरंत उखाड़ दें खरपतवार?
नर्सरी में यदि खरपतवार उगने लगे तो उन्हें तुरंत निकाल दें. पवन मौर्य बताते हैं कि खरपतवार पौधों के पोषक तत्व खींच लेते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं. साफ-सफाई और समय-समय पर निराई करना नर्सरी को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है.
कब करें पौध की रोपाई?
गोभी की पौध आमतौर पर 25–30 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है. पौधे की ऊंचाई लगभग 10–12 सेंटीमीटर और उस पर 4–5 पत्तियां होनी चाहिए. ऐसे पौधे खेत में लगाने पर जल्दी सेट हो जाते हैं और तेजी से बढ़ते हैं. रोपाई हमेशा शाम के समय करें, ताकि रातभर नमी बनी रहे और पौधे झुलसने से बचें.



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