रायपुर: चंगोरा भाठा जमीन प्रकरण में न्याय की मांग को लेकर गुरु चरण सिंह होरा पीड़ित संघ के परिवारों ने रविवार को राजधानी रायपुर के आजाद चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। पीड़ितों ने शांतिपूर्ण विरोध के तहत सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ कर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
19 साल पुराना प्रकरण, मृत महिला को ‘जीवित’ बताकर जमीन रजिस्ट्री का आरोप:
धरने में शामिल पीड़ित परिवारों का आरोप है कि लगभग 19 वर्ष पहले मृत हो चुकी सब्जी विक्रेता चमारीन बाई सोनकर को कागज़ों में ‘जीवित’ दिखाया गया और उसके नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर चंगोरा भाठा की बहुमूल्य भूमि की रजिस्ट्री करा दी गई।पीड़ितों का दावा है कि इन फर्जी दस्तावेजों में होरा के चार भांजे—रंजीत, मंजीत, इंद्रपाल और हरपाल, और जेल में बंद आईएएस अनिल टूटेजा के साले व अन्य रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं।
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मकान बनाने गए तो पत्थरबाजी, धमकी और गुंडागर्दी का आरोप:
पीड़ित परिवारों ने कुछ दिन पहले आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया था कि उन्होंने चंगोरा भाठा क्षेत्र में 500, 700 और 1000 वर्ग फीट के छोटे-छोटे प्लॉट अपने मकान बनाने के लिए खरीदे थे,लेकिन जब वे निर्माण कार्य शुरू करने पहुंचे तो गुरु चरण सिंह होरा और उसके गुंडों द्वारा पत्थरबाजी की गई।
पीड़ितों का आरोप है कि:
मकान निर्माण सामग्री गिराने पर और जमीन में प्रवेश करने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां तक दी गईं।पीड़ितों ने पुलिस में दर्ज करवाई FIR, दस्तावेज भी सौंपे।
बार-बार परेशान होकर पीड़ितों ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में गुरु चरण सिंह होरा व उसके रिश्तेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।
दर्ज धाराएँ:
420 – धोखाधड़ी
467 – फर्जी दस्तावेज बनाना
468 – धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी
471 – फर्जी दस्तावेज का उपयोग
506 – जान से मारने की धमकी
34 – समान उद्देश्य से की गई आपराधिक कार्रवाई
पीड़ितों ने पुलिस अधिकारियों को अपने खरीदी के मूल दस्तावेज और बयान भी सौंप दिए हैं।
पुलिस कार्रवाई की उम्मीद में धरना:
पीड़ित संघ का कहना है कि भारी भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़े और धमकी की शिकायतों के बावजूद अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसी कारण उन्हें महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना देने और धार्मिक पाठ के माध्यम से न्याय की गुहार लगाने को मजबूर होना पड़ा।
पीड़ितों ने स्पष्ट कहा कि
“पुलिस से जल्द कार्रवाई की अपेक्षा है, अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा।”



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