कब है मोक्षदा एकादशी? जानें पूजन सामग्री, पारण समय और श्री हरि के प्रिय भोग

कब है मोक्षदा एकादशी? जानें पूजन सामग्री, पारण समय और श्री हरि के प्रिय भोग

हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि को पड़ती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्वजों की आत्मा की शांति मिलती है।हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। आइए इस तिथि से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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हिंदू पंचांग के अनुसार, अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर को रात 09 बजकर 29 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 01 दिसंबर को रात 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है। ऐसे में 01 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।

पूजन सामग्री 

  1. विष्णु जी की प्रतिमा/तस्वीर
  2. पीले फूल, पीले वस्त्र
  3. तुलसी दल
  4. धूप, दीप, चंदन, अक्षत, रोली
  5. गंगाजल
  6. घी
  7. मिठाई

श्री हरि के प्रिय भोग

  1. पंचामृत - दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण, जिसमें तुलसी दल जरूर मिलाया गया हो।
  2. पीली मिठाई - बेसन के लड्डू या पीले रंग की कोई भी मिठाई आदि।
  3. फल - केला, आम व मौसमी फल।

पारण का शुभ समय 

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर ही करना चाहिए। पारण के समय चावल या अनाज ग्रहण किया जाता है। अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की मोक्षदा एकादशी का पारण 02 दिसंबर को सुबह 07 बजे से लेकर सुबह 09 बजकर 05 मिनट के बीच किया जाएगा।

 







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