कवर्धा टेकेश्वर दुबे : भोरमदेव अभ्यारण्य अंतर्गत चिल्फी परिक्षेत्र के संरक्षित कक्ष क्रमांक पी.एफ.-333 बहनाखोदरा में वन्यप्राणी इंडियन बायसन/गौर (अनुसूची-I) के दो नग के अवैध शिकार का गंभीर प्रकरण सामने आया है। अभियुक्तों द्वारा विद्युत करंट लगाकर दोनों वन्यप्राणियों का अवैध शिकार किया गया तथा उनके मांस को टुकड़ों में काटकर आपस में बाँट लिया गया। इस जघन्य एवं दण्डनीय कृत्य के संबंध में वन विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 9 सहपठित धारा 2(16) क, ख, धारा 30, 32, 39, 44(ख) सहपठित धारा 2, धारा 20, 50, 51 तथा लोक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 एवं 4 के अंतर्गत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 20771/12 दिनांक 18.11.2025 पंजीबद्ध किया गया।
वन अमले द्वारा त्वरित खोजबीन एवं साक्ष्य संकलन के उपरांत आरोपियों – अन्तू पिता गौतर बैगा, सखुराम पिता रामासिंह बैगा, सोनेलाल पिता सुखराम बैगा, कमलेश पिता चमरू यादव तथा इन्दर पिता शतुर बैगा को दिनांक 19.11.2025 को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर 14 दिवस के रिमाण्ड हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिससे प्रकरण की विस्तृत विवेचना सुनिश्चित की जा सके।
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इस प्रकरण की गहन छानबीन हेतु अचानकमार टाइगर रिजर्व लोरमी से विशेष डॉग स्क्वॉड टीम को बुलाया गया, जिसके माध्यम से घटनास्थल पर सघन जांच कर महत्वपूर्ण सुराग एवं साक्ष्य प्राप्त किए गए। साथ ही पुलिस अमला के सहयोग से संपूर्ण कार्रवाई प्रभावी रूप से पूर्ण की गई।
वनमण्डलाधिकारी कवर्धा निखिल अग्रवाल के निर्देशन एवं अधीक्षक भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई संपन्न की गई। वन विभाग ऐसे गंभीर वन्यजीव अपराधों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई हेतु प्रतिबद्ध है तथा अभ्यारण्य क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर पूर्ण नियंत्रण के लिए निगरानी को और सुदृढ़ किया जा रहा है। विभाग आमजन से अपील करता है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल नजदीकी वन अमले को प्रदान करें।



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