सरायपाली : किसड़ी में लंबे समय से हो रहे अवैध रेत-गिट्टी भंडारण की शिकायतों पर अंततः राजस्व विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में भवन निर्माण सामग्री जप्त की है। बुधवार को हुई इस कार्रवाई में टीम ने लगभग 15 हाईवा रेत और 10 हाईवा गिट्टी अवैध रूप से भंडारित पाई, जिसके बाद मौके पर ही पंचनामा बनाकर जब्ती की प्रक्रिया पूरी की गई। विभाग द्वारा तैयार पंचनामा आगे की कार्यवाही के लिए खनिज (माइनिंग) विभाग महासमुंद को सौंपा जाएगा। कार्रवाई की जानकारी फैलते ही क्षेत्र में अवैध रूप से रेत-गिट्टी भंडारण व विक्रय करने वालों में हड़कंप मच गया है।
शिकायत मिलने पर तहसीलदार श्रीधर पंडा, नायक तहसीलदार हरिप्रसाद भोय, हल्का पटवारी विनय साहू, पटवारी गजेंद्र नायक, दूधनाथ साहू और मजेश भोई की संयुक्त टीम ने किसड़ी गांव निवासी प्रदीप साहू पिता गोवर्धन साहू के स्थान पर दबिश दी। जांच के दौरान भारी मात्रा में रेत-गिट्टी का अवैध भंडारण मिला, जिसकी कीमत लाखों रुपये आंकी गई। टीम ने मौके पर ही पंचनामा तैयार करते हुए सामग्री को ग्राम पंचायत के कोटवार के सुपुर्द किया। तहसीलदार श्रीधर पंडा ने बताया कि किसी भी व्यक्ति द्वारा घर बनाने के लिए इतनी बड़ी मात्रा में रेत-गिट्टी का भंडारण करना संभव नहीं है, इससे स्पष्ट है कि सामग्री विक्रय के उद्देश्य से रखी गई थी। उन्होंने बताया कि कार्रवाई की भनक लगते ही संबंधित व्यक्ति मौके से फरार हो गया।तहसीलदार श्री पंडा ने कहा कि क्षेत्र में अवैध खनिज भंडारण एवं विक्रय पर प्रशासन की सख्त निगरानी है। भू-राजस्व संहिता और खनिज अधिनियम के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ हर संदिग्ध गतिविधि पर टीम तत्काल कार्रवाई कर रही है। प्रशासन ने आमजन को नियमों के पालन के लिए जागरूक किया तथा यह भी चेताया कि नियमों के खिलाफ जाने वालों पर नियमानुसार सख्त एवं निष्पक्ष कार्रवाई होती रहेगी।
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राज्य में रेत-गिट्टी खनन के लिए नई रेत नीति-2025 लागू है, जिसमें खनन प्रक्रिया, भंडारण और परिवहन को पारदर्शी और नियंत्रित रखा गया है तथा ई-नीलामी के माध्यम से रेत खदानों के वितरण पर जोर दिया जा रहा है। अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार मुहिम चलाई जा रही है, जिससे राज्य के राजस्व और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा सुनिश्चित हो सके।खनिज विभाग के जानकारों ने बताया है कि यह कार्रवाई खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम) अधिनियम, 2006 की धारा 4(1), 21(1) तथा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के तहत की गई है, जिसमें स्पष्ट है कि बिना वैध लाइसेंस किसी भी गौण खनिज का भंडारण और विक्रय गैरकानूनी है तथा दोषियों के विरुद्ध सख्त दंडात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।



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