अमावस्या तिथि पर शिव की जी आराधना करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही यह तिथि पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए भी काश मानी गई है। इस दिन पर मंत्र जप, दान-पुण्य और दीपदान करना अत्यंत फलदायी माना गया है। ऐसे में आप इस दिन पर भगवान शिव के इन मंत्रों का जप कर कृपा के पात्र बन सकते हैं।
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करें इन मंत्रों का जप
1. ॐ नमः शिवाय
2. ॐ नमो भगवते रूद्राय
3. ऊं पषुप्ताय नमः
4. शिव गायत्री मंत्र - ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्
5. महामृत्युमजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
6. कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि
7. भगवान शिव का ध्यान मंत्र -
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥
पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए मंत्र -
1. ऊं पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा
2. ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्
3. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
4. ऊं पितृ देवतायै नमः
5. ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च, नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
इन कार्यों से मिलेगी कृपा
यदि संभव हो तो मार्गाशीर्ष अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान जरूर करें। यदि ऐसा करना संभव न हो, तो आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और पूजा-पाठ करें। इसके साथ ही मंत्रोच्चारण करें। इस दिन पर आपको पितृ चालीसा के पाठ से भी विशेष लाभ मिल सकता है।



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