नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश बीआरगवई ने गुरुवार को कहा कि वह बौद्ध धर्म को मानते हैं, लेकिन वास्तव में वह वह एक पंथनिरपेक्ष इंसान हैं जो सभी धर्मों में विश्वास करते हैं।सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्सऑन रिकार्ड एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई कार्यक्रम में जस्टिसगवई ने आभार जताते हुए कहा कि देश की न्यायपालिका ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। जस्टिसगवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी कार्यदिवस होगा।
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प्रधान न्यायाधीशनेकहा, ''मैंने सभी धर्मों में विश्वास अपने पिता से सीखा है। वह पंथनिरपेक्ष और डा. आंबेडकर के अनुगामी थे। जब हम उनके साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में जाते थे और उनके दोस्त कहते थे, यहां आओ, यहां की दरगाह मशहूर है, या यहां का गुरुद्वारा मशहूर है, तो हम जाते थे।''
गवई ने कहा कि वह सिर्फ डा. आंबेडकर और संविधान की वजह से ही इस पोजिशन तक पहुंच पाए। उन्होंने कहा, कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सिर्फ सीजेआइ पर केंद्रित कोर्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी जजों का कोर्ट होना चाहिए।



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