कर्नाटक कांग्रेस में मची कलह की बात अब दिल्‍ली तक पहुंची

कर्नाटक कांग्रेस में मची कलह की बात अब दिल्‍ली तक पहुंची

 नई दिल्ली : कर्नाटक में सत्तारुढ़ कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री बदलने को लेकर लगातार कयासबाजी चल रही है। कांग्रेस दो खेमे में बटी हुई नजर आ रही है। एक पक्ष मुख्यमंत्री सिद्दरमैया का तो दूसरा उप-मुख्यमंत्री डीके शिवाकुमार का है।एक ओर जहां डीके शिवाकुमार और उनके समर्थक लगातार सीएम पद की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर सिद्दरमैया ने अप्रत्यक्ष रूप पता दिया कि मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ने वाले। उन्होंने कहा कि वह अगले साल अपना रिकॉर्ड 17वां बजट पेश करेंगे।

क्या बोले सिद्धारमैया ?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया बुधवार को LG हवानूर की गोल्डन जुबली पर बोल रहे थे, जो पहली पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट जमा करने का मौका था। सिद्दरमैया ने कहा कि जब मैं पहली बार फाइनेंस मिनिस्टर बना, तो एक अखबार ने लिखा यह सिद्दरमैया (एक कुरुबा) सौ भेड़ें भी नहीं गिन सकता, वह कर्नाटक का फाइनेंस मिनिस्टर कैसे काम करेगा।

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मैंने इसे एक चुनौती के तौर पर स्वीकार किया। मैंने 16 बजट पेश किए हैं। इसके बाद, मैं 17वां बजट पेश करूंगा। इस दौरान वहां जोरदार तालियां बजीं। 2026-27 का बजट अगले साल मार्च में पेश होने की उम्मीद है, और तैयारी का काम पहले ही शुरू हो चुका है।

सीएम पद को लेकर कड़ा मुकाबला

गौरतलब है कि कर्नाटक के सीएम सिद्दरमैया की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है। जब राज्य में लीडरशिप में बदलाव को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। क्योंकि, मई 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्दरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला था।

इस दौरान कांग्रेस पार्टी शिवकुमार को मनाने में कामयाब रही और उन्हें डिप्टी CM बना दिया। इस समय ऐसी चर्चा थी कि "रोटेशनल चीफ मिनिस्टर फॉर्मूला" के आधार पर समझौता हो गया था, जिसके अनुसार शिवकुमार ढाई साल बाद CM बनेंगे, हालांकि, पार्टी ने इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। राज्य की कांग्रेस सरकार के नवंबर में अपने 5 साल के कार्यकाल के 2.5 साल पूरे हो जाएंगे। इससे पहले सिद्दरमैया ने अगला बजट पेश करते हुए यह इशारा कर दिया है कि वह अभी यह पद नहीं छोड़ने वाले हैं।

क्या बोले शिवकुमार?

समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने 5 साल से ज्यादा समय तक प्रदेश प्रमुख के तौर पर काम किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि दूसरों को भी मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “मैं रहूं या न रहूं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन मैं अपने समय में कम से कम 100 पार्टी ऑफिस बनाना चाहता हूं.”

उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा, “मैं हमेशा के लिए यह पोस्ट अपने पास नहीं रख सकता। पहले ही 5.5 साल हो चुके हैं, और मार्च में 6 साल हो जाएंगे। अब दूसरों को मौका दिया जाना चाहिए, लेकिन मैं लीडरशिप में रहूंगा। चिंता मत करो, मैं फ्रंटलाइन पर बना रहूंगा।”

 









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