कांकेर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में आंगनबाड़ी केंद्र तक धर्मांतरण का संजाल फैल रहा है. मंगलवार को एक आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका पर ग्रामीण बच्चों का धर्म परिवर्तिन का आरोप लगा है.बताया जा रहा है बच्चों के धर्म परिवर्तन की सूचना के बाद परिजनों ने बच्चों को अब आंगनबाड़ी केंद्र में भेजना बंद कर दिया है.
धर्मांतरण के दायरे में अब मासूम भी आ गए हैं. इसकी बानगी कांकेर जिले के एक आंगनबाड़ी केंद्र में देखा गया, जहां बच्चों का धर्म परिवर्तन का आरोप वहां तैनात ईसाई आंगनबाड़ी सहायिका पर लगा है, जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर भेजना बंद कर दिया है.
मामले की जांच में जुटा महिला एवं बाल विकास विभाग
मामला जिले के नरहरपुर ब्लॉक के रिसेवाडा पंचायत के आश्रित ग्राम भैंसमुंडी का है, जहां मौजूद आंगनबाड़ी केंद्र में तैनात सहायिका पर आरोप है कि उसने वहां आने वाले बच्चों के धर्म परिवर्तन की कोशिश की. साल 2009 में ईसाई धर्म में धर्म परिवर्तन करने वाली आंगनबाड़ी सहायिका को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग मामले की जांच में जुट गया है.
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करीब 15 मासूम बच्चे नहीं जा रहे हैं आंगनबाड़ी केंद्र
रिपोर्ट के मुताबिक आंगबाड़ी केंद्र में धर्म परिवर्तन की सूचना के बाद करीब 15 बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं जा रहे हैं. शिक्षा के केंद्र में धर्मांतरण के आरोपों प्रतिक्रिया देते हुए आंगबाड़ी सहायिका केसर नरेटी ने बताया कि उसने साल 2009 से ईसाई धर्म को मानना शुरू किया है.
मामले में महिला बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी का कहना है कि आंगनबाड़ी में बच्चों के नहीं पहुंचने की सूचना मिली है. मामला संवेदनशील हैं, दोनों पक्षों से बातकर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा ताकि बच्चे नियमित रूप से आंगनबाड़ी पहुंच सके.
धर्मांतरण की सूचना के बाद प्रशासन में मचा हड़ंकप
ग्राम के सरपंच हीरालाल कुंजाम, ग्राम प्रमुख रामदयाल चक्रधारी की मानें तो हाल में गांव में 6 परिवारों ने धर्मांतरण किया था. जिसमे से 3 परिवार अपने मूल धर्म मे वापस आ चुके है. आंगनबाड़ी केंद्र में धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में भी हड़ंकप मच गया.
प्रभावित हुंई आंगनबाड़ी केंद्र की सभी गतिविधियां
गौरतलब है ताजा धर्मांतरण विवादों के बीच आंगनबाड़ी केंद्र की सभी गतिविधियां प्रभावित हो गई हैं. बच्चों को पोषण, प्राथमिक शिक्षा, बच्चो के स्वास्थ्य की निगरानी, टीकारण जैसे कार्य भी प्रभावित हो गए है. विभाग भी इस उलझन में है कि कानून में किसी धर्म परिवर्तन कर चुके कर्मचारी को हटाने या केंद्र जाने से रोकने का अधिकार है या नहीं है.



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