सिमगा बलौदाबाजार:स्कूली शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और शासकीय कार्यों में लापरवाही के प्रति "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाते हुए, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, बलौदाबाजार द्वारा विकासखंड सिमगा के चार शिक्षकों पर निलंबन की गाज गिरी है। इन शिक्षकों को अलग-अलग मामलों में कदाचरण और शासकीय कार्य में घोर लापरवाही का दोषी पाया गया है।
मामला 1: मदिरा सेवन और अनुशासनहीनता (4 शिक्षक निलंबित)
विद्यालय की गरिमा को धूमिल करने और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के विपरीत कार्य करने के आरोप में निम्नलिखित तीन शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है:
श्री विजय कुमार ध्रुव
सहायक शिक्षक एलबी
शासकीय प्राथमिक शाला शंकर नगर सिमगा
* श्री नरेंद्र कुमार ध्रुव, प्रधान पाठक, शासकीय प्राथमिक शाला, चोरहानवागांव
* श्री उमेश कुमार वर्मा, प्रधान पाठक, शासकीय प्राथमिक शाला, मोटियारीडीह
* श्री संदीप साहू, सहायक शिक्षक (एलबी), शासकीय प्राथमिक शाला, मोटियारीडीह
उक्त शिक्षकों पर विद्यालयीन समय में मदिरा सेवन/अशोभनीय आचरण और पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके आधार पर यह अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - सुशासन शब्द नहीं व्यवस्था है
मामला 2: निर्वाचन कार्य में लापरवाही (1 शिक्षक निलंबित)
इसके अतिरिक्त, निर्वाचन आयोग के अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (Special Intensive Revision - SIR) में लापरवाही बरतने पर भी एक शिक्षक पर कार्यवाही की गई है:
श्री मिथलेश कुमार वर्मा, सहायक शिक्षक (एलबी), शासकीय प्राथमिक शाला, केसदा
श्री वर्मा बी.एल.ओ. (BLO) के रूप में कार्यरत थे। इनके द्वारा निर्वाचन कार्य में रुचि न लेने और उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने के कारण, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिमगा के प्रस्ताव पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इन्हें निलंबित किया गया है।
निलंबन आदेश:
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उक्त पांचों शिक्षकों का निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू होगा। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय नियमानुसार निर्धारित कार्यालय ( विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सिमगा/पलारी/कसडोल) रहेगा और इन्हें केवल नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।



Comments