डौंडीलोहारा का ऐतिहासिक साप्ताहिक बाजार का निरीक्षण करते डौंडीलोहारा  के पार्षद

डौंडीलोहारा का ऐतिहासिक साप्ताहिक बाजार का निरीक्षण करते डौंडीलोहारा के पार्षद

डौंडीलोहारा  : कहते हैं कि यदि किसी देश, क्षेत्र या गांव के विकास की गाथा सुननी या देखनी हो तो वहां के बाजार चले जाइए ऐसा ही ऐतिहासिक ग्राम है डौडी लोहारा और डौंडीलोहारा  का बाजारआजादी के पूर्व से ही बालोद जिला के दो ग्राम प्रथम डौडी लोहारा व  द्वितीय  खेरथा बाजार साप्ताहिक बाजार के नाम से बहुत मशहूर था जहां दोनों बाजार ऐतिहासिक है खैरथा बाजार इसलिए कि वहां पर बैलों का बाजार अलग से लगा करता था जिसके लिए बैलों के व्यापारी हफ्तों पहले आकर वहां पर रुका करते थे वहीं दूसरी ओर डौडी लोहारा का बाजार ऐतिहासिक  व काफी प्रसिद्ध रहा है यहां का साप्ताहिक बाजार सोमवार को लगता रहा है और आसपास के लगभग 30 किलोमीटर के दायरे में गांव वाले हर सप्ताह आकर यहां पर बाजार की रौनक बनते थे और बाजार की रौनक भी बनाते रहे हैं. 

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 इस बाजार से बिल्कुल लगा हुआ ऐतिहासिक  ब्रीटिशकाल का पुलिस थाना है जो ऐतिहासिक घटनाओं का चश्मदीद गवाह भी है,यह बाजार शासकीय कर्मचारियों का अपने मांगों के लिए हड़ताल करने का एक अघोषित स्थान भी रहा है कालांतर पूर्व डौंडीलोहारा में हटरी बाजार व्यवस्था थी यह हटरी बाजार टिकरापारा में जहां पर आज महात्मा गांधी जी  की मूर्ति स्थापित है वहां पर लगा करता था यहां दो साप्ताहिक बाजार था एक आज की स्थिति में सोमवार को लगने वाला बाजार  जिसे बड़ा बाजार कहा जाता है और दूसरा छोटा साप्ताहिक बाजार जो की मडियापाठ के पास गुरुवार को लगा करता था शनैः शनैःयह दोनों बाजार विलुप्त हो गए अब महज यादों में है और  अब हर साल जनवरी माह में सोमवार के दिन  आयोजित बड़े मडई के बाद मडियापाठ में भी  गुरुवार को वार्षिक छोटा मंडई मेला का  उत्साह पूर्वक आयोजन किया जाता है.

पूर्व  में पंचायत व्यवस्था होने के बाद भी सोमवार बाजार की पसरा बैठक व्यवस्था  वृक्षों की छांव में यहां पर बाजार लगता था  दूरदराज गांव से अपनी जरूरत की चीज खरीदने ग्रामीण पैदल बैलगाड़ी या साइकिल से साप्ताहिक बाजार में (सोमवार को)डौंडीलोहारा  आते थे और सूर्यास्त पूर्व अपने गांव को चले जाते थे सड़कें जर्जर थे इसलिए बस व्यवस्था  लगभग नहीं के बराबर था विशेष बात यह था कि उसे दौर में आज की तरह से मवेशी बाजार के अंदर स्वतंत्र विचरण नहीं करते थे उनके चराने की उचित व्यवस्था थी  गोधूलि बेला में  मवेशी के घर पहुंचने पर  चारा पानी के साथ बांधे जाते थे

सोमवार को लगने वाले इसी साप्ताहिक बाजार पर स्थित है डौडी लोहारा का विजय चौक जहां पर  डौडी लोहारा विधानसभा क्षेत्र के प्रथम विधायक स्वर्गीय  श्रीमती झमित कुंवर देवी  द्वारा 15 अगस्त 1947 को 11:00 बजे आजादी का परचम फहराया गया था बताते हैं कि आजादी के इस  महोत्सव मैं भाग लेने के लिए लिए आसपास व दूरदराज गांवो से सैंकड़ों ग्रामीण भी आए हुए थे वह खुद आज अपनी आजादी के लिए संघर्षरत है सफाई  व देखरेख के अभाव में उसका स्वरूप छोटा हो गया है उसके चारों ओर  कब्जा कर ऐसा घेराबंदी की है कि उसे ढूंढना पड़ता है उम्मीद करते हैं कि नए नगर पंचायत  के गठन के बाद विजय चौक कब्जाधारियो से आजाद होकर अपनी गाथा सुनायेगा  इसी साप्ताहिक बाजार में एक किनारे में अपने दास्तान को रोता हुआ शासन का मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत हॉट बाजार सिद्धांत पर आधारित पौनी पसारी योजना जो नाम से अच्छा लगता है पर व्यापक प्रचार प्रसार के  अभाव में स्वयं ही दम तोड़ रहा है यदि इस योजना का क्रियान्वयन  डौडी लोहारा का व्यापक सर्वेक्षण कर उचित स्थान पर इसका निर्माण किया जाता तो इसका लाभ सीधे-सीधे मेहनतकश मजदूरों को मिलता साल भर पूर्व से निर्मित इस योजना का लाभ अब तक  किसी को नहीं मिला है  पिछले कई सालों बाद आज पहली बार ऐसा देखने को मिला जब डौंडीलोहारा  के साप्ताहिक बाजार के बेतरतीब बाजार व्यवस्था को सुधारने के लिए पार्षदों ने स्वयं भ्रमण करने का निर्णय लिया 

बाजार के हालात को देखते हुए लगता है कि लंबे अरसे बाद अब इस साप्ताहिक बाजार में नियमित सफाई शुरू हुआ है भरोसा करना चाहिए कि बाजार साफ सुथरा दिखाई देगाभ्रमण के दरमियान उन्होंने देखा कि ज्यादातर पसरा लगायें दुकानदार  सड़क के दोनों और बेतरतीबी ढंग से दुकान लगाकर बैठे हैं जिससे कि तहसील कार्यालय नगर पंचायत कार्यालय व जनपद कार्यालय में  आने जाने वालों के लिए परेशानियां हो रही है गोठानों  के अभाव में  स्वतंत्र विचरण करते  आवारा पशु घूम रहे हैं जिससे पसरा वालों को व खरीदारों को भी परेशानियां हो रही है बाजार में कहीं पर भी पानी की व्यवस्था  देखने को नहीं मिला काफी लंबे अरसे से बाजार से सटे हुए नवीन बस स्टैंड व  बाजार में महिलाओं के शौचालय के लिए काफी कुछ लिखा जा चुका है लेकिन आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना अब तक महिलाओं के ही नहीं अपितु पुरुषों के लिए भी शौचालय की व्यवस्था नहीं किया गया। पार्षदों ने  वहां पर ग्राहकों से भी चर्चा की बेचने वालों से भी चर्चा की वह उत्तम बाजार व्यवस्था स्थापित करने के लिए उनसे सुझाव वह सलाह भी मांगे और उनसे सहयोग की अपील भी की हमें आशा करनी चाहिए कि आने वाले दिनों में डौंडीलोहारा का हटरी , साप्ताहिक बाजार व नया बस स्टैंड नए नगर पंचायत के गठन के बाद  नये कलेवर के साथ स्वतंत्र व सुव्यवस्थित दिखाई देगा व  दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगेगा

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  सोमवार को बाजार  भ्रमण व निरीक्षण के लिए निकले पार्षदों में बीरसिंह, राजेंद्र प्रसाद निषाद, किशोर दीवान सुभद्रा टांडेकर ममता शर्मा नगर पंचायत से महेंद्र बघेल भानु प्रताप पटेल रामयश पटेल  सुभाष श्रीवास्तव को अन्य कर्मचारी भी उपस्थित है.









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