फरीदाबाद : फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव के किसान ज्ञान चंद्र सैनी पिछले कई सालों से मिर्च की खेती कर रहे हैं, इस बार उन्होंने 9 बीघा जमीन में मिर्च लगाई है. मिर्च में उन्होंने चार तरह की वैरायटी लगाई है. इनमें एक्सी मिर्च, मोटी मिर्च जिससे अचार बनता है. पतली मिर्च और पकौड़े में इस्तेमाल होने वाली मिर्च शामिल हैं.
ज्ञान चंद्र बताते हैं कि मिर्च की खेती करना आसान नहीं है. शुरुआत में खेत की 4 से 5 बार अच्छे से जुताई करनी पड़ती है. बीज भी काफी महंगे आते हैं. मिर्च का 10 ग्राम बीज का पैकेट करीब 600 रुपये का पड़ता है. बीज लगाते समय पौधों के बीच करीब डेढ़ ब्लांत का फासला रखना जरूरी होता है ताकि पौधे अच्छे से बढ़ सकें.
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मंडी में मिर्च का रेट फिक्स नहीं होता. किसान बताते हैं कि जब मंडी में माल कम होता है, तो मिर्च 50 रुपये किलो तक बिक जाती है, लेकिन कई बार दाम गिरकर 10 से 12 रुपये किलो भी पहुंच जाते हैं. जब दाम इतने नीचे चले जाते हैं तो तोड़ाई की मजदूरी तक नहीं निकलती.
मिर्च की खेती में सबसे बड़ी दिक्कत मोरिया (कीड़ा) की होती है. इससे बचाव के लिए हर हफ्ते दो बार स्प्रे करना पड़ता है. अगर किसी तरह का कीड़ा या बीमारी लगती है तो फसल विशेषज्ञ डॉक्टर को खेत में बुलाकर दवा डालवाते हैं. हर दवाई डॉक्टर की सलाह से ही डाली जाती है.
गर्मी के मौसम में हर पांचवें दिन खेत में पानी देना पड़ता है. करीब दो महीने में मिर्च की फसल तैयार हो जाती है. ज्ञान चंद्र बताते हैं कि एक फसल पर 25 से 30 हजार रुपये तक की लागत आ जाती है. इसके अलावा मिर्च की तोड़ाई मजदूरों से करवानी पड़ती है जिस पर अलग से खर्च होता है.
ज्ञान चंद्र कहते हैं कि मिर्च की खेती बहुत मेहनत का काम है. दिन भर खेतों में लगे रहना पड़ता है. लेकिन अच्छी फसल हो जाए और मंडी में सही दाम मिल जाएं तो सारी मेहनत सफल हो जाती है.
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