रायपुर : रायपुर और आसपास के इलाकों में कई पाकिस्तानी नागरिक क्रिकेट सट्टा के बड़े खाईवाल के रूप में सक्रिय हैं और फार्महाउसों में अड्डे बनाकर काम कर रहे हैं। राजेंद्र नगर, न्यू राजेंद्र नगर, एमजी रोड, डुमरतराई, शैलेंद्र नगर, देवेंद्र नगर, वीआईपी रोड, माना, कुर्रू, पचेड़ा जैसे इलाकों में इनकी दुकानें और व्यवसाय खुलेआम चल रहे हैं, जो पुलिस के लिए चुनौती बन गए हैं। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद एक बार फिर देश में अवैध तरीके से रहने वालों को बाहर निकालने का आदेश केंद्र सरकार ने जारी किया है। घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश राज्य सरकार ने भी जारी किए थे, जिसके बाद टिक्नसिटी में पुलिस ने बिना मुसाफिरी दर्ज कराए रह रहे ऐसे 777 लोगों को चिन्हित किया था। सभी को संदिग्ध मानकर पुलिस ने उनके दस्तावेजों की जांच की।
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दुर्ग जिले में 112 पाकिस्तानी नागरिक
बंगाल, ओडिसा, बिहार और यूपी से आए 160 को चिन्हित किया। सभी के खिलाफ पुलिस ने सस्पेक्ट रोल जारी किया है, जिससे सभी के स्थाई पता, पारिवारिक और आपराधिक जानकारी जुटाई जा सके। पुलिस के मुताबिक दुर्ग जिले में 112 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से 30 को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। दो लोगों के आवेदन जिला प्रशासन के पास लंबित है। राजधानी में फैक्ट्री औऱ उद्योगों में काम करने वाले 1188 लोगों की खबर है प्रशासन ने इनमें 247 को संदिग्ध मानकर उनके दस्तावेजों की जांच कराई। 101 की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। पहले दौर में 45 लोगों को चिन्हित कर फिजिकल वैरिफिकेशन कराया गया। अब बाकी 56 लोगों की जांच बाकी है।
केस 1-जामुल में रह रही महिला को बांग्लादेश वापस भेजा गया था
जामुल पुलिस ने प्रिया पराडकर उर्फ आशा अख्तर और उसके पति हमेंद्र पराडकर के खिलाफ केस दर्ज किया था। जांच में पता चला था कि प्रिया वीजा पर भारत आई थी। वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वह बांग्लादेश नहीं लौटी। उसने हेमेंद्र से शादी करके भारतीय नागरिकता के लिए मैरिज सर्टिफिकेट के आधार पर भारतीय दस्तावेज तैयार कर लिए थे। जेल से छूटने के बाद आशा को पुलिस ने बांग्लादेश वापस भेज दिया था।
केस 2- बांग्लादेश की महिला शादी कर रह रही, अब पता नहीं
सुपेला पुलिस ने मोहम्मद रशेल, रशीदा बेगम और विमल दास के खिलाफ केस दर्ज किया था। पता चला था कि रशेल की बुआ की लड़की रशीदा बासी नाम के व्यक्ति के साथ 2009 में भारत आई थी। 2010 में वह वापस बांग्लादेश लौट गई, जहां उसका पासपोर्ट गुम गया। इसके बाद उसने दोबारा पासपोर्ट बनवाया और भारत आ गई। उसने विमल दास से शादी कर ली। इसके बाद से वह लगातार बांग्लादेश आना-जाना करती रही। पर कभी पुलिस को सूचना नहीं दी।
केस 3- वीजा खत्म हो चुका था फिर भी भिलाई में रह रहीं महिलाएं
पुलिस ने ज्योति रसेल शेख उर्फ शाहिदा खातून नाम की महिला के खिलाफ केस दर्ज किया था। महिला से बांग्लादेशी पासपोर्ट जब्त किया गया था। वीजा की तारीख 13 सितंबर 2018 को समाप्त होने के बाद भी वह सेक्टर 6 इलाके में रह रही थी। इधर, दुर्ग कोतवाली पुलिस ने 7 मार्च 2020 को शमीना नाज उर्फ मुक्ता के खिलाफ केस दर्ज किया था। मुक्ता कसारीडीह इलाके में रह रही थी। बांग्लादेशी पासपोर्ट होने के बाद भी भारतीय पहचान पत्र बनवा लिया था।
केस 4-चोरी के केस में भी दो बांग्लादेशी पकड़े गए थे
स्मृति नगर इलाके में मई 2023 में जैन परिवार के घर में चोरी के मामले में पुलिस ने 5 में से 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक का नाम मोहम्मद हदमत खलीफा और दूसरे का नाम अल्ताफ हुसैन था। दोनों ने गैंग से साथ चोरी की और हव्वाला के जरिए पैसा बांग्लादेश भेज दिया था। हदमत से बांग्लादेशी पासपोर्ट भी जब्त हुई थी। उसने यहां का आधार कार्ड भी बनवा लिया था। उनके समेत 15 लोगों ने घुसपैठ की थी।
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