गड़ा धन मामले के दोनों आरोपी जीजा, साला हुए फरार, पुलिस जुटी छानबीन में

गड़ा धन मामले के दोनों आरोपी जीजा, साला हुए फरार, पुलिस जुटी छानबीन में

बालोद : जगन्नाथपुर में लोगों को गड़ा धन दिलाने के नाम से लाखों की ठगी करने वाले जीजा, साला अब तक पुलिस पकड़ से बाहर हैं। आरोपी जीजा वसीम खान निवासी धूरपुर, इलाहाबाद और जगन्नाथपुर निवासी साला अकबर खान दोनों की तलाश पुलिस कर रही है। इस क्रम में रविवार को बालोद पुलिस की टीम घटनास्थल का जांच करने के लिए पहुंची। मुआयना कर नजरी नक्शा बनाया गया तो वही आरोपी अकबर के घर जाकर उनकी पत्नी से पूछताछ की गई पर उन्होंने अकबर के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि अभी अकबर कहां होंगे। उन्होंने कहा कि हमें नहीं मालूम कहां गए हैं। विवेचक सूरज साहू ने परिजनों से अकबर का आधार कार्ड प्रतिलिपि और अन्य आवश्यक जानकारी हासिल की। इधर पता चला कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से अकबर घर से गायब है। अकबर का पता है ना उसके जीजा का। इधर पुलिस ने जुलाई 2022 में जिस घर में पहली बार इस तरह से तंत्र-मंत्र करके गड़ा धन दिलाने के नाम से ठगी की गई उस बंद मकान को खुलवाकर जांच की तो देखा गया कि एक कमरे में आज भी तंत्र मंत्र का सामान बिखरा पड़ा है। गड्ढा खोदा गया है जिस पर नारियल गड़ा कर मिट्टी से उसे ढक दिया गया है। पुलिस ने स्थल का निरीक्षण किया।

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हमने ही दिया था सोने के लिए जगह और मेरे ही बेटे को बनाया ठगी का शिकार

मकान मालिक यशवंत डोंगरे ने बताया कि 2022 जुलाई में जब अकबर के जीजा वसीम खान और उनकी पत्नी अकबरी बेगम आए थे पड़ोसी अकबर के कहने पर मेरे बेटे राजेश डोंगरे ने उन्हें सोने के लिए जगह दी थी लेकिन बदले में हमारे बेटे को ही उन लोगों ने ठगी का शिकार बना दिया। हमारे इस घर में तंत्र-मंत्र किया गया है, इस बात की जानकारी हमें एफआईआर दर्ज होने के बाद हुई। इतने दिनों तक हमसे यह बात और राज मेरा बेटा राजेश डोंगरे हमसे छुपाता रहा। परिवार वालों को इस बारे में भनक ही नहीं थी। क्योंकि हम अंदर बस्ती में दूसरे मकान में रहते हैं जिस मकान में तंत्र-मंत्र किया गया है वह खाली रहता है और जुलाई 2022 तक मेरा बेटा राजेश डोंगरे यही सोने के लिए आया जाया करता था। पर उसके बाद से वह यहां लौट कर नहीं आया। हमें भी शक होता था कि आखिर वह घर आता क्यों नहीं है। अब समझ आ रहा है कि उसे यहां हुए तंत्र-मंत्र का डर बना हुआ था। उससे बात किया तो उसने यही बताया कि सब अकबर की चाल थी। अब उसे इस घर में आने से ही डर लगता है। पिछले साल दिवाली के समय साफ सफाई करने के लिए जब बहू यहां आई तो गड्ढा देखकर उन्होंने बताया कि यहां कुछ पूजा पाठ हुआ है। जब बेटे से हमने पूछा तो उस समय भी उसने कुछ नहीं बताया था और बात को टालता रहा।

बेटा मुझसे अक्सर कहता था, एक दिन बहुत अमीर आदमी बन जाएंगे


यशवंत डोंगरे ने कहा कि अक्सर मेरा बेटा कहता था कि एक दिन हम बहुत अमीर आदमी बन जाएंगे। मैं पूछता भी था कि ऐसा क्या कर रहे हो तो वह कुछ बताता नहीं था और बीच-बीच में मुझे पैसे की डिमांड करता था। कहता था कि अभी कुछ हजार दे दो, मैं आपको बदले में लाखों रुपए दे दूंगा। फिर अचानक उसे पता नहीं क्या हुआ कि वह गांव से बाहर रहने लगा और गांव आने पर वह घबराया हुआ रहता था। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं लगती थी। अब जब एफआईआर हुआ तो हमें पता चला कि इन ठग जीजा और साले ने हमारे गांव में पहला शिकार मेरे ही बेटे को बनाया है। तंत्र-मंत्र वाले इस घर में अब हमें आने से डर लगता है। कई सालों से यह घर खाली पड़ा था । जिस कमरे में तंत्र-मंत्र हुआ है उसमें ताला लगा हुआ था। कुछ किराएदार जैसे हार्वेस्टर वाले अस्थाई रूप से बगल के कमरे में रहने के लिए आते थे और चले जाते थे। पर अब हमें पता चला है कि हमारे घर में यह तंत्र-मंत्र किया गया तो हमें भी डर लगने लगा है। हम पुलिस प्रशासन से मांग करते हैं कि ऐसे आस्था और विश्वास के नाम पर ठगी करने वाले को जल्द से जल्द पकड़े।

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ऐसे होती थी धोखाधड़ी, रहिए आप भी सावधान

ज्ञात हो कि ठगी करने वाले जीजा और साले के द्वारा लोगों को पहले लालच दिया जाता है कि तुम्हारे घर में गड़ा धन मिल सकता है। हम तंत्र-मंत्र पूजा करके धन निकाल सकते हैं, करोड़पति बन जाओगे और फिर लोगों को पूजा पाठ के लिए 7000 रुपए खर्च करवा कर सामान मंगाए जाते हैं और रात में पूजा की जाती है। घर वालों से ही गड्ढा खुदवाया जाता है फिर गोपनीय पूजा का बहाना कर कुछ देर के लिए उन्हें बाहर रहने कहा जाता है। थोड़ी देर बाद में अंदर बुलाते हैं तो लोग देखते हैं कि गड्ढे में मटके में सोने के सिक्के जैसे कुछ चमकते हुए दिखाई देते हैं। साथ ही बगल में सांप भी बैठे रहता है। फिर मुख्य तांत्रिक वसीम द्वारा कहा जाता है कि यह धन अभी अपवित्र है। ये नाग इसकी रक्षा कर रहा। इसे पवित्र करने के लिए शक्तिपुंज की जरूरत पड़ेगी। जिसके लिए 12 लाख रुपए खर्च बताया जाता है। कहते हैं कि शक्तिपुंज में सोने का गुरादा और हीरा का पानी मिला तरल पदार्थ जैसा रहता है। जिसे पिलाने के बाद नाग सांप चला जाता है और हम इस खजाने को हासिल कर सकते हैं। फिर गड्ढे वापस ढक कर दिया जाता है और दोबारा पूजा करने की बात की जाती है। लोग गड़ा धन देखकर झांसे में जाते हैं और उनके कहे अनुसार पैसे दे देते हैं। फिर दूसरी बार जब पूजा की जाती है तो अंत में ऐसी स्थिति पैदा कर देते हैं कि सामने वाला तंत्र मंत्र से डर जाए और उन्हें लगे कि पूजा असफल हो गई और हम गड़ा धन निकाल नहीं पाए और जान जाने के डर से वे पूजा बंद कर देते हैं। लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है। ऐसे ही ये जीजा,साला कई लोगों के साथ कर चुके थे। पर कुछ महीने पहले जगन्नाथपुर के नामदेव साहू के घर भी इसी तरह से तंत्र-मंत्र करके गड़ा धन दिखाया गया और उन्हें भी ₹4 लाख की मांग की गई। चार दिन के बाद नामदेव ने वापस जब गड्ढे को खोलकर देखा तो वहां पर कुछ नहीं था। तो फिर उसे समझ में आ गया कि जीजा, साला हमें बेवकूफ बना रहे हैं। इसके बाद नामदेव के जरिए मामले का पर्दाफाश हुआ।









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